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कंगाली के मुहाने पर पाकिस्तान, हो सकता है डिफॉल्टर, बचने के लिए सरकार ये काम कर सकती है
Mega Daily News November 18, 2022 10:22 PM IST

राजनीतिक उथल-पुथल और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ बातचीत को लेकर अनिश्चितता के बीच पाकिस्तान का डिफ़ॉल्ट जोखिम तेजी से बढ़ गया है. रिपोर्ट के अनुसार, देश के डिफॉल्ट रिस्क को पांच साल के क्रेडिट-डिफॉल्ट स्वैप (सीडीएस) द्वारा मापा गया. सीडीएस एक तरह का बीमा अनुबंध होता है जो एक निवेशक को डिफॉल्ट से बचाता है.

अनुसंधान फर्म आरिफ हबीब लिमिटेड द्वारा परिचालित आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि क्रेडिट-डिफॉल्ट स्वैप बुधवार को 56.2 प्रतिशत से 75.5 प्रतिशत तक पहुंच गया. सीडीएस में वृद्धि एक 'गंभीर स्थिति' को दर्शाती है, जिससे सरकार के लिए बॉन्ड या वाणिज्यिक उधारी के माध्यम से बाजारों से विदेशी मुद्रा जुटाना बेहद मुश्किल हो जाता है.

पाकिस्तान को अपने विदेशी कर्ज दायित्वों (Foreign Obligations) को पूरा करने के लिए इस वित्तीय वर्ष में 32 बिलियन USD से 34 बिलियन USD तक की आवश्यकता है. वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान को अभी भी शेष वित्तीय वर्ष में लगभग 23 बिलियन USD की आवश्यकता है. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान आईएमएफ प्रोग्राम में बना हुआ है, जो इसे विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और एशियाई इंफ्रास्ट्रक्चर बैंक से प्रवाह प्राप्त करने की अनुमति देता है.

पहली तिमाही में घाटा बढ़ने से स्थिति और बिगड़ी

हालांकि पाकिस्तान ने आईएमएफ से कहा था कि वह चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को ₹1500 बिलियन तक कम कर देगा. लेकिन, पहली तिमाही में घाटा बढ़ने से स्थिति और बिगड़ती जा रही है. संयुक्त राज्य अमेरिका में आधिकारिक सूत्रों ने पिछले सप्ताह कहा था कि पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच वार्ता को पुनर्निर्धारित किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ और पाकिस्तान सरकार के बीच नवंबर की शुरुआत में शुरू होने वाली वार्ता को नवंबर के तीसरे सप्ताह तक के लिए टाल दिया गया है. पाकिस्तान द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों पर बिक्री कर को समायोजित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर काम करने और इस साल की शुरुआत में पुनर्जीवित एक ऋण समझौते के तहत आवश्यक अन्य उपाय करने के बाद वार्ता फिर से शुरू होगी.

आधिकारिक सूत्रों ने खुलासा किया कि अक्टूबर में जारी पाकिस्तान में बाढ़ के नुकसान पर विश्व बैंक की रिपोर्ट के बाद आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच बातचीत को पुनर्निर्धारित किया गया था. पाकिस्तान 5 दिसंबर को पांच साल के सुकुक या इस्लामिक बॉन्ड की मैच्योरिटी के खिलाफ 1 बिलियन अमरीकी डालर का भुगतान करने वाला है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार को नहीं है भरोसा

सुकुक भुगतान के लिए पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार के बार-बार आश्वासन के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय बाजार इन आश्वासनों पर भरोसा करने को तैयार नहीं है क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था बाजारों, दाताओं, वाणिज्यिक बैंकों और मित्र राष्ट्रों से अधिक उधार लेकर डिफ़ॉल्ट से बचने के लिए संघर्ष कर रही है.

सरकार क्या कर सकती है?

वित्तीय क्षेत्र ने कहा है कि फंड तरलता बढ़ाने और राजकोषीय घाटे के विस्तार से बचने के लिए नए करों की जरूरत है. सरकार को कम से कम ₹800 बिलियन की आवश्यकता है, जो रिपोर्ट के अनुसार नए करों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है. हालांकि सरकार के लिए नए कर आर्थिक और राजनीतिक उथल फुथल के बीच लगाने मुश्किल हो सकते हैं.

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