2003 में कुख्यात फ्रांसीसी सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज की हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एक पूर्व नेपाली पुलिस अधिकारी केसी गणेश ने शोभराज की रिहाई पर खुशी जताई है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि नदी में एक मृत अमेरिकी महिला के आधे जले हुए शरीर को देखने की दर्दनाक बचपन की याद ने उन्हें जासूस बनने के लिए प्रेरित किया. गणेश केसी 40 वर्ष के थे और 2003 में उप पुलिस अधीक्षक थे जब उन्होंने शोभराज को काठमांडू के एक कैसीनो से पकड़ा था.
नेपाल की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को ‘बिकिनी किलर’ और ‘द सर्पेंट’ के नाम से कुख्यात फ्रांसीसी ‘सीरियल किलर’ चार्ल्स शोभराज को उसकी सेहत के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया. भारतीय और वियतनामी माता-पिता की संतान शोभराज हत्या के आरोप में वर्ष 2003 से उम्रकैद की सजा काट रहा है.
12 साल की उम्र में देखी थी अमेरिकी पर्यटक की लाश
गणेश के लिए, अमेरिकी पर्यटक कोनी जो ब्रोंज़िच के आधे जले हुए शरीर को देखने की दर्दनाक बचपन की याद थी जिसने उन्हें एक अनुभवी और कठोर जासूस बनने के लिए प्रोत्साहित किया. पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘मैं बमुश्किल 12 साल का था, जब मैंने काठमांडू में मनहारा नदी के पास लोगों को कोनी जो ब्रोंजिच के शव की एक झलक पाने के लिए दौड़ते देखा, जो अमेरिकी बैकपैकर था, जिसे शोभराज ने मार डाला था.'’
1976 में ब्रोंज़िच और कनाडाई दोस्त लॉरेंट कैरिएर शोभराज द्वारा मारे गए दो बैकपैकर थे. यह संयोग ही था कि 27 साल बाद गणेश को सीरियल किलर का शिकार करने का काम सौंपा जाएगा. गणेश ने उन घटनाओं की श्रृंखला को उल्लास के साथ बताया जो शोभराज की सनसनीखेज गिरफ्तारी का कारण बनीं.
गणेश ने बताया, ‘वह (शोभराज) एक वृत्तचित्र फिल्माने के बहाने काठमांडू में उतरा. उसे दरबारमार्ग में रॉयल कैसीनो के पास देखा गया और द हिमालयन टाइम्स अख़बार ने उसकी तस्वीर प्रकाशित की. तस्वीर सामने आने के बाद काठमांडू मेट्रोपॉलिटन पुलिस उसकी खोज शुरू की.’
'शोभराज को फंसाने के लिए नहीं था कोई ठोस सबूत'
गणेश ने कहा कि हालांकि दोहरे हत्याकांड में शोभराज को फंसाने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं था, पुलिस ने पहले उसे इमिग्रेशन कानून का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया, फिर होटल की रजिस्ट्री में उसके हस्ताक्षर सहित परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर हत्या का आरोप लगाया.
पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘बैकपैकर्स की हत्या के लगभग तीन दशक बाद शोभराज को गिरफ्तार करने पर हमें गर्व है, नेपाल में उसकी गिरफ्तारी देश की मजबूत आपराधिक न्यायिक प्रणाली को दिखाती है.’
शोभराज के खिलाफ दो मामले दर्ज थे - एक काठमांडू जिला अदालत में और दूसरा भक्तपुर जिला अदालत में - दो दिनों में दो अलग-अलग क्षेत्रों में दो बैकपैकरों की हत्या के लिए. शोभराज ने बैकपैकर्स को मारने से इनकार किया. उसके वकीलों ने कहा कि उसके खिलाफ आरोप धारणा पर आधारित था.
गणेश ने कहा, ‘अगस्त 2003 में जब हमने उसे कैसिनो परिसर से हिरासत में लिया, तो हमने उस पर इमिग्रेशन कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.’ इमिग्रेशन कानून के तहत उसे गिरफ्तार करने के बाद, हमने और सबूतों की तलाश की और फिर उस पर दोहरे हत्याकांड का आरोप लगाया.’
पूर्व पुलिस अधिकारी के अनुसार, ‘शोभराज ने दो बैकपैकर्स को मार डाला क्योंकि उनके पास गहने थे.’ शोभराज की गिरफ्तारी के बाद, सालों बाद गणेश को दो बैकपैकर्स के माता-पिता से प्रशंसा पत्र मिला.
इसलिए शोभराज की रिहाई से हैं खुश गणेश
गणेश कहते हैं कि वह शोभराज की जल्द रिहाई से खुश हैं. उन्होंने कहा, ‘वरिष्ठ नागरिक होने के नाते उनकी जल्द रिहाई के बारे में जानकर मुझे खुशी हुई. यह दर्शाता है कि हम वरिष्ठ नागरिकों के प्रति कितने संवेदनशील हैं और यह मानवाधिकारों के प्रति हमारे दृढ़ विश्वास को प्रदर्शित करता है.’
संयोग से, नेपाल में 2003 की सजा से पहले शोभराज को किसी भी देश में हत्या के लिए बुक नहीं किया जा सका था. माना जाता है कि उसने 1970 के दशक में 15 से 20 लोगों की हत्या की थी.
शोभराज ने एशिया में ज्यादातर पश्चिमी पर्यटकों के साथ दोस्ती की, बाद में 1972 और 1976 के बीच ज्यादातर उन्हें नशा देकर मार डाला. वर्षों से, धोखे और चोरी के काम में लगे शोभराज को जुर्म की दुनिया में ‘बिकनी किलर’ और ‘द सर्पेंट’ उपनाम अर्जित किया.