हर बड़ी कंपनी की अपनी-अपनी पॉलिसी होती है और उसका पालन करना उसके एंप्लॉयी के लिए जरूरी होता है. नियमों का उल्लंघन करने पर कंपनी किसी कर्मचारी को बर्खास्त भी कर सकती है. फ्रांस में एक ऐसी ही घटना हुई और इसकी वजह से एक कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया गया, लेकिन यह मामला बाकी से अलग था. इसमें कर्मचारी को कंपनी की ‘फन वैल्यू’ का पालन नहीं करने पर नौकरी से निकाल दिया गया. पीड़ित एंप्लॉयी ने इसे लेकर केस किया और लंबी जद्दोजहद के बाद अब उसे अदालत में जीत मिली है. आइए विस्तार से जानते हैं पूरा मामला.
2014 में पीड़ित ने जॉइन की थी कंपनी
रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्टर टी नाम के एक शख्स ने फरवरी 2011 में फ्रांस की ‘क्यूबिक पार्टनर्स’ कंपनी को जॉइन किया था. 2014 में उन्हें प्रमोशन भी मिला, लेकिन ‘फन वैल्यू’ का पालन नहीं करने की वजह से उन्हें मार्च 2015 में कंपनी मैनेजमेंट ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. कंपनी का कहना था कि टी के साथ काम करना मुश्किल है वह अच्छे श्रोता नहीं हैं.
फन वैल्यू में ये चीजें थीं शामिल
वहीं, नौकरी गंवाने वाले टी का कहना है कि उक्त कंपनी की फन वैल्यू यानी कंपनी के मौज मस्ती वाले दिन में अत्यधिक शराब पीना और अन्य मस्ती की चीजें शामिल हैं. उन्होंने बताया कि वह ड्रिंक और अन्य ऐसी गतिविधियां नहीं करते थे, इसलिए इनमें शामिल नहीं होते थे. ऐसे में वह कंपनी के फैसले से खुश नहीं थे. उन्होंने बर्खास्तगी के बाद अदालत में केस कर दिया. मामले में लंबी सुनवाई चली और आखिरकार 9 नवंबर 2022 को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.
अदालत ने फैसला सुनाते हुए ये कहा
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा ‘कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों को ‘फन वैल्यू’ में विफल रहने पर बर्खास्त नहीं कर सकती है.’ 9 नवंबर को जारी एक फैसले में, अदालत ने पाया कि टी की कंपनी ‘क्यूबिक पार्टनर्स’ के ‘फन वैल्यू’ और ‘महत्वपूर्ण व्यवहार’ में भागीदारी की कमी के कारण उन्हें गलत तरीकों से निकाला गया. अदालत ने फैसला सुनाया, ‘मिस्टर टी कंपनी की सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने से इनकार करके अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का यूज कर रहे थे, और उनकी ‘मौलिक स्वतंत्रता’ उनकी बर्खास्तगी का कारण नहीं हो सकती.’
हर्जाना देने के भी दिए आदेश
बता दें कि टी ने हर्जाने के रूप में कंपनी से 461,406 यूरो (लगभग 3,91,09,152.50 रुपये) की भी मांग की थी. इस पर भी अदालत ने विचार किया और क्यूबिक पार्टनर्स को 3,000 यूरो (2,53,524.00 रुपये) का भुगतान करने का आदेश दिया. इसके अलावा टी को हुए नुकसान की भी जांच की जाएगी.