Breaking News
चंद्र की बदली चाल का 12 राशियों की लव लाइफ पर कैसा प्रभाव पड़ेगा...! शुभ अंक-रंग युवती ने शादी के वक्त पति से छुपाई ऐसी बात, पता चलते ही पैरों तले खिसकी जमीन, परिवार सदमे में Best Recharge Plans : Jio ने 84 दिन वाले प्लान से BSNL और Airtel के होश उड़ा दिए, करोड़ों यूजर्स की हो गई मौज Cooking Oil Price Reduce : मूंगफली तेल हुआ सस्ता, सोया तेल की कीमतों मे आई 20-25 रुपये तक की भारी गिरावट PM Kisan Yojana : सरकार किसानों के खाते में भेज रही 15 लाख रुपये, फटाफट आप भी उठाएं लाभ
Wednesday, 07 May 2025

World

चीन के इकोनोमी में गिरावट व कमजोरी के जो लक्षण दिखाई देने शुरू, इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है

23 August 2022 12:55 AM Mega Daily News
इकोनोमी,आर्थिक,द्विपक्षीय,कारोबार,दुनिया,निर्यात,गिरावट,देशों,सैन्य,विकास,अनुमान,सिर्फ,गतिविधियों,बल्कि,कमजोरी,,signs,decline,weakness,chinas,economy,start,showing,effect,whole,world

भारत ने सिर्फ पूर्वी लद्दाख इलाके में चीनी सेना की गतिविधियों पर ही पैनी नजर नहीं बना कर रखी हुई है बल्कि हाल के महीनों मे चीन के इकोनोमी में गिरावट व कमजोरी के जो लक्षण दिखाई देने शुरू हुए हैं, उसकी भी करीबी निगरानी हो रही है। वजह यह है कि दोनो देशों के बीच सैन्य व कूटनीतिक तनाव के बावजूद आर्थिक रिश्तें लगातार मजबूत हो रहे हैं।

वर्ष 2022 के पहले छह महीने के द्विपक्षीय कारोबार आंकड़ों का संकेत यह है कि लगातार दूसरे वर्ष चीन और भारत का द्विपक्षीय कारोबार 100 अरब डॉलर को पार करेगा। चीन वैश्विक सप्लाई चेन के लिए अभी भी काफी महत्वपूर्ण है और उसकी इकोनोमी में कमजोरी का असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है।

यही वजह है कि सिर्फ वित्त मंत्रालय के अधिकारी ही नहीं बल्कि आरबीआइ भी चीन सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर सतर्क है और वहां की हर आर्थिक गतिविधि की भारतीय संदर्भ में समीक्षा हो रही है।

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक चीन की इकोनोमी से काफी अलग-अलग तरह के संकेत आ रहे हैं। एक तरफ पूरी दुनिया के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को बढ़ा रहे हैं। तो वहां ब्याज दरों में 10 आधार अंकों की कमी की गई है। कोरोना महामारी को लेकर जहां पूरी दुनिया में बेहद सरल नियम बनाये जा रहे हैं। ताकि आर्थिक गतिविधियों पर असर नहीं हो, लेकिन वहां के कई बड़े औद्योगिक शहरों में अभी भी कई तरह के अवरोध लागू हैं।

चीन की दुनिया की इकोनोमी में काफी हिस्सेदारी है जिसे कम होने में समय लगेगा। अभी चीन की अर्थव्यवस्था नीचे आती है तो पूरी दुनिया की इकोनोमी पर इसका असर होगा। भारत के लिए भी चीन एक बहुत ही बड़ा आर्थिक साझेदार देश हैं।

दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव का असर द्विपक्षीय कारोबार पर नहीं पड़ा

चीन की भारतीय इकोनोमी में अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि मई, 2020 से दोनो देशों के बीच चल रहे सैन्य तनाव का भी असर द्विपक्षीय कारोबार पर नहीं पड़ा है। जुलाई, 2022 में केंद्र सरकार की तरफ से जारी आंकड़े बताते हैं कि जनवरी-जून, 2022 के दौरान इनका द्विपक्षीय कारोबार 67.08 अरब डॉलर का था। इस दौरान चीन से भारत को होने वाले निर्यात में 34.5 फीसद का इजाफा (57.51 अरब डॉलर) हुआ है, जबकि भारत से चीन को होने वाले निर्यात में 35.3 फीसद की गिरावट (9.57 अरब डॉलर) हुई है। वर्ष 2021 में द्विपक्षीय कारोबार 125 अरब डॉलर का रहा था।

इस बढ़ते निर्यात का सीधा संबंध भारत के बढ़ते निर्यात से है। भारत के रसायन उद्योग, फार्मास्यूटिकल्स उद्योग, इलेक्ट्रोनिक्स उद्योग के लिए कच्चे माल काफी हद तक चीन से ही आते हैं। ऐसे में वहां की मंदी का असर भारत के उद्योगों को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता है।

अधिकारियों का कहना है कि नजर रखने के पीछे एक उद्देश्य यह भी है कि चीन की इकोनोमी में गिरावट भारत के लिए कई नई संभावनाएं भी पैदा कर सकती हैं।

वर्ष 2022 में चीन की आर्थिक विकास दर 3.3 फीसद रहने का अनुमान

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी अपनी रिपोर्ट में वर्ष 2022 में चीन की आर्थिक विकास दर 3.3 फीसद रहने का अनुमान लगाया है जो पिछले 40 वर्षों की न्यूनतम दर है। जबकि इस वर्ष भारत की विकास दर 7.4 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है।

क्या हो रहा है चीन में

पूरी दुनिया में कर्ज हुआ महंगा, चीन ने किया सस्ता

कई बड़े औद्योगिक शहरों में अभी भी काम काज सामान्य नहीं

रीयल एस्टेट क्षेत्र में भारी मंदी, कई कंपनियों के दिवालिया होने की खबर

चीन के कई बैंकों के पास फंड की कमी, ग्राहकों को नहीं दी जा रही जमा राशि

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News