विस्तारवादी चीन से निपटने के लिए भारत भले ही अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों से दोस्ती बढ़ा रहा हो लेकिन अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता उसे गंवारा नहीं है. रूस-यूक्रेन युद्ध में कई बार अपनी स्वतंत्र विदेश नीति का इजहार कर चुके भारत ने अबकी बार ईरान के मामले में पश्चिमी देशों का साथ नहीं दिया और संयुक्त राष्ट्र महिला आयोग की बैठक से अनुपस्थित हो गया.
भारत ने ईरान से निभाई दोस्ती
दरअसल ईरान में चल रहे हिजाब विरोधी आंदोलन (Iran Hijab Protest) के दौरान महिलाओं समेत कई पुरुष पुलिस की गोली से मारे जा चुके हैं. इस एक्शन पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए अमेरिका ने ईरान को संयुक्त राष्ट्र महिला आयोग (CSW) से हटाने का प्रस्ताव दिया था. इस पर बुधवार को 54 सदस्यीय आयोग में वोटिंग हुई, जिसमें 29 देशों ने प्रस्ताव के फेवर में वोट डाला और रूस-चीन समेत 8 देशों ने विरोध में वोटिंग की. जबकि भारत समेत 16 देश इस वोटिंग से गैर-हाजिर रहे. जिसके चलते प्रस्ताव बहुमत से पास हो गया और ईरान को इस वैश्विक निकाय से बाहर कर दिया गया.
इसी साल सदस्य बना था ईरान
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महिला आयोग में 45 देशों का चयन किया जाता है. यह चयन संयुक्त राष्ट्र आर्थिक-सामाजिक परिषद 4 वर्षों के लिए करती है. इसके अलावा कुछ अन्य और संस्था भी इस आयोग के पदेन सदस्य होते हैं. ईरान (Iran Hijab Protest) इसी साल इस आयोग का सदस्य बना था और उसका कार्यकाल वर्ष 2026 तक था लेकिन उसे बीच में ही सदस्य देशों ने बहुमत के आधार पर संस्था से बाहर कर दिया है.
अमेरिका ने फैसले का किया स्वागत
अमेरिका के प्रस्ताव का विरोध करते हुए ईरान के प्रतिनिधियों ने कहा कि अमेरिका और उसके साझीदार देश खुद अपने मुल्कों में अल्पसंख्यकों खासकर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ नस्लवादी हरकतें कर रहे हैं. वहीं ईरान जैसे देश में दंगा कर रहे लोगों का सपोर्ट कर अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है.
वहीं अमेरिका ने अपने प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि जो देश अपने मुल्क में महिलाओं को हिजाब के नाम पर गोली मार रहे हों, उन्हें संयुक्त राष्ट्र महिला आयोग में रहने का कोई हक नहीं है. इन जैसे देशों के इस संस्था में रहने से उसकी महत्ता कम होती है. ईरान (Iran Hijab Protest) की मेंबरशिप से इस वैश्विक निकाय की प्रतिष्ठा कम होती है, इसलिए उसे तुरंत बाहर कर देना ही बढ़िया है.
ईरान में क्यों भड़के हुए हैं प्रदर्शन
बताते चलें कि ईरान में हिजाब (Iran Hijab Protest) को लेकर सख्त कानून हैं. पिछले महीने महसा अमीन नाम की महिला सिर को पूरी तरह ढंके बिना हिजाब पहनकर जा रही थी. जिसे ईरानी पुलिस ने पकड़कर बहुत मारा. इस घटना में महसा अमीन की मौत हो गई, जिसके बाद से ईरान में लोग भड़के हुए हैं और लगातार अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनों को दबाने के लिए ईरानी सरकार लगातार बल प्रयोग का सहारा ले रही है, जिसमें अब तक कई लोग मारे जा चुके हैं.