ईरान और सऊदी अरब के बीच तनाव और बढ़ता जा रहा है. इस बार ईरान ने सऊदी अरब को कड़ी चेतावनी दे दी है. ईरान के खुफिया मंत्री इस्माइल खातिब ने सख्त लहजे में कहा कि ‘अभी तक तो ईरान तार्किक और रणनीतिक वजहों से धैर्य बनाए हुए है, लेकिन अगर तनाव इसी तरह से जारी रहता है तो हम यह गारंटी नहीं दे सकते कि ईरान का सब्र कब तक बना रहेगा.’ उन्होंने कहा कि ‘अगर हम जवाबी कार्रवाई करने और सजा देने का निर्णय लेते हैं तो सऊदी अरब के शीशे के महल टूट जाएंगे और यह देश स्थिरता का अनुभव नहीं कर पाएगा.’
इसलिए नाराज है ईरान
दरअसल, पुलिस कस्टडी में कुर्दिश महिला महसा अमिनी के मौत के बाद से ईरान में लंबे समय से हिजाब विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं और देश जल रहा है. ईरान को लगता है कि सऊदी अरब जैसी विदेशी ताकतें ईरानियों को भड़का रही है. यह विरोध-प्रदर्शन मौजूदा ईरान सरकार के लिए बड़ी समस्या बन गई है. पिछले ही महीने ईरानी रिवोल्युशनरी गार्ड के चीफ हुसैन सलामी ने सऊदी अरब को चेतावनी दी थी. तब उन्होंने कहा था कि अपने मीडिया संस्थानों को नियंत्रित कर लो, नहीं तो इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. सलामी ने सऊदी अरब पर मीडिया संस्थान के जरिए ईरान के आंतरिक मामलों में दखल का आरोप लगाया था.
क्या है सऊदी अरब औऱ ईरान के बीच विवाद
बता दें कि सऊदी अरब और ईरान दोनों पड़ोसी देश हैं और दोनों ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी दबदबा रखते हैं. पर इन दोनों देशों के बीच झगड़ा भी दशकों पुराना है, जिसका कोई समाधान नहीं निकल सका है. ईरान में रहने वाले अधिकतर मुसलमान शिया हैं, जबकि सऊदी अरब में सुन्नी मुस्लिमों की संख्या अधिक है. धार्मिक मतभेदों के कारण यह विवाद और गहराता जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से यह काफी बुरे दौर से गुजर रहा है.