कंगाली के कगार पर खड़े पाकिस्तान (Pakistan) को एक और झटका लगा है. पाकिस्तान का विदेश मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserve) गिरकर 3 बिलियन डॉलर से भी कम हो गया है. गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेश मुद्रा भंडार 2 अरब 91 डॉलर पर पहुंच गया जोकि पिछले 9 साल 3 महीने के सबसे कम है. बेलआउट पैकेज को लेकर पाकिस्तान की IMF के साथ अब तक बात नहीं बन पाई है. IMF पाकिस्तान के सामने नई-नई शर्तें रख रहा है. पाकिस्तान को उसकी आर्मी का बजट भी कम करने के लिए कहा गया है. ऐसे में अगर बेलआउट पैकेज पाकिस्तान को नहीं मिलता है तो यहां के आर्थिक हालात और भी भयावह हो सकते हैं.
IMF बेलआउट पैकेज मिलने में आई ये रुकावट
बता दें कि नकदी की दिक्कत से गुजर रहे पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज मिलने में बार-बार रुकावट आ रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज जारी करवाने को लेकर चल रही बातचीत में एक रोड़ा अटक गया है. गुरुवार को आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सटर्नल फंडिंग प्रोजेक्शन पर दोनों पक्ष बात नहीं कर पाए हैं. पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं.
बढ़ गई पाकिस्तान की मुश्किल
एक सीनियर अफसर ने कहा कि बुधवार रात तक उन्हें एमईएफपी मसौदा नहीं मिला. 2019 में इमरान खान सरकार के दौरान पाकिस्तान IMF के 6 अरब डॉलर प्रोग्राम का हिस्सा बना था. फिर इसे साल 2022 में बढ़ाकर 7 अरब डॉलर कर दिया गया था. 1.18 अरब डॉलर जारी करने के लिए प्रोग्राम की 9वीं समीक्षा पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ अधिकारियों के बीच होना बाकी है.
IMF से नहीं बन पा रही बात!
वित्त और राजस्व राज्य मंत्री आएशा गौश पाशा के मुताबिक, हम इसको पूरा करने के करीब हैं. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को एक बार आईएमएफ एमईएफपी दे दे, फिर सभी मुद्दों पर बातचीत पूरी हो जाएगी. उनके मुताबिक, कई मुद्दों पर बातचीत पूरी हो चुकी है. IMF को उनमें से कुछ पर स्पष्टता चाहिए. इन पर पाकिस्तान सरकार के लोग काम कर रहे हैं.