भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालत किसी भी तरह से ठीक नहीं है. एक तरफ देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ देश के अंदर लोगों की हालत भी ठीक नहीं है. रुढ़िवादी सोच और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले लगातार पाकिस्तान में बढ़ रहे हैं. महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं. ऑनर किलिंग के मामले भी देश में बढ़ रहे हैं. इन सबसे पाकिस्तान सरकार की आलोचना भी हो रही है, लेकिन स्थिति बदलती नहीं दिख रही है. इसी क्रम में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत प्रांत के बाजौर से ऐसा ही तालिबानी फरमान आया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के बाजौर में आयोजित एक भव्य जिरगा ने क्षेत्र में महिलाओं के लिए पर्यटन स्थलों की यात्रा पुरुषों के साथ करने पर रोक लगा दी है. यानी अब महिलाएं पुरुषों के साथ पर्य़टन स्थलों पर नहीं जा सकेंगी. रिपोर्ट के अनुसार, बाजौर की तहसील सालारजई में स्थानीय बुजुर्गों ने एक जिरगा में यह फैसला किया है, जहां सभी जनजातियों के प्रतिनिधि मौजूद थे.
जिरगा के बाद घोषणा की गई कि महिलाओं को पुरुषों के साथ भी किसी पर्यटन स्थल की यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी. महिलाओं का इस तरह घूमना उनके आदिवासी मूल्यों और परंपराओं के खिलाफ है. यह ठीक नहीं कि महिलाएं पुरुषों के साथ मनोरंजन स्थलों पर घूमें. इसलिए वह प्रशासन से भी उनके मूल्यों का सम्मान करने की अपील करते हैं.
ग्रामीणों ने प्रशासन को रविवार तक अपने निर्णय को लागू करने की चेतावनी देते हुए मनोरंजन के नाम पर 'अश्लीलता' को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं देने की बात कही. उन्होंने कहा कि, ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यहां सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह अश्लीलता को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है.