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पाकिस्तान में आंदोलन, चीन परेशान करें तो क्या करें
Mega Daily News July 06, 2022 01:21 AM IST

चीन का BRI प्रोजेक्ट विवादों के घेरे में है. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के बलूचिस्तान (Balochistan) प्रांत में एक प्रमुख स्थानीय नेता ने धमकी दी है कि अगर राज्य सरकार की सहमति के बावजूद उसकी मांग को नहीं पूरा किया गया, तो 21 जुलाई से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ग्वादर बंदरगाह (Gwadar Port) को बंद कर दिया जाएगा. 

कमजोर पड़ेगा CPEC?

बता दें कि चीन की पहुंच अरब सागर (Arabian Sea) तक सुनिश्चित करने वाला यह बंदरगाह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. 

पाकिस्तान में चल रहा आंदोलन

रिपोर्ट के मुताबिक, ग्वादर अधिकार आंदोलन का नेतृत्व करने वाले मौलाना हिदायतुर रहमान बलोच ने प्रेसवार्ता में कहा कि वादा नहीं पूरा करने पर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को दर्ज कराने के लिए बंदरगाह को बंद किया जाएगा. जमात-ए-इस्लामी (Jamaat-e-Islami) के प्रांत महासचिव बलोच ने कहा कि बंदरगाह शहर में महीने भर से जारी धरने का अंत करने के लिए गत अप्रैल में सरकार ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

क्या है आंदोलनकारियों की मांग?

पाकिस्तान के अखबार ने बलोच के हवाले से लिखा है कि ग्वादर अधिकार अंदोलन की मुख्य मांगों में ‘ट्रॉलर’ माफिया से बलूचिस्तान के समुद्र तट को मुक्त कराना, ग्वादर में सीमा बिंदुओं को खोलना, मादक पदार्थों की तस्करी का अंत करना और गैर जरूरी चेकपोस्ट को खत्म करने की बात शामिल है. 

CM ने किया था वादा

नेता ने कहा कि बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर अब्दुल कुदूस बिजेंजो ग्वादर आए और बलूचिस्तान के तट को ट्रॉलर माफिया से मुक्त करने समेत अन्य मांगों को पूरा करने का वादा किया.

लोकल मछुआरों का जीवन हुआ मुश्किल

गौरतलब है कि बलोच ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती के बावजूद सैकड़ों अवैध ट्रॉलर बलूचिस्तान के पानी में अवैध रूप से मछली पकड़ने में शामिल हैं, जिससे स्थानीय मछुआरे अपनी आजीविका से वंचित हो गए.

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