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Thursday, 21 November 2024

Religious

देवउठनी एकादशी एवं तुलसी विवाह की पूजाविधि और मुहूर्त

04 November 2022 09:45 AM Mega Daily News
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कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा के पश्चात जागते हैं, इसलिए इस दिन को देवउठनी एकादशी कहा जाता है. इसके बाद द्वादाशी तिथि को भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप के साथ माता तुलसी का विवाह भी किया जाता है. इस साल एकादशी तिथि दो दिन होने के कारण बहुत से लोगों को कंफ्यूजन है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस दिन देवउठनी एकादशी और किस दिन तुलसी विवाह मनाई जाएगी.

देवउठनी एकादशी

देवउठनी एकादशी इस साल 4 नवंबर 2022 को है, जो 3 नवंबर शाम को 7 बजकर 30 मिनट से शुरू होगी और 4 नवंबर शाम 6 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी. देवउठनी एकादशी व्रत के पारण का समय शुभ समय 5 नवंबर को सुबह 6 बजकर 36 मिनट से सुबह 8 बजकर 47 मिनट तक है.

तुलसी विवाह

तुलसी विवाह की बात की जाए तो वह 5 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 5 नवंबर को शाम 6 बजकर 8 मिनट से शुरू होगी, जो कि 6 नवंबर को शाम 5 बजकर 6 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.

एकादशी पूजा विधि

एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान विष्णु के सामने दीप-धूप जलाएं और फिर फल, फूल और भोग अर्पित करें. एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करनी चाहिए. विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें. व्रत खोलने के बाद ब्राहम्णों को दक्षिणा दें.

तुलसी विवाह पूजा विधि

वहीं, तुलसी विवाह के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करके घर में बने मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें और पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें. भगवान को भोग लगाएं, इसमें तुलसी को जरूर शामिल करें.

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