श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की विधिवत पूजा करने के साथ अभिषेक किया जाता है। इस दिन भक्तों व्रत भी रखते हैं। अगर आप भी जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर रहे हैं, तो इन चीजों का जरूर ध्यान रखें। देशभर में जन्माष्टमी का पर्व 18 और 19 अगस्त को धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि दो दिन पड़ रही है। जिसके कारण लोगों के बीच जन्माष्टमी को लेकर थोड़ा सा असमंजस है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने करने के बाद व्रत जरूर रखना चाहिए। इसके साथ ही सूर्य को तांबे के लोटे में जल लेकर अर्घ्य करना चाहिए।
सूर्य पूजा के बाद सबसे पहले भगवान गणेश जी की पूजा करना चाहिए। उन्हें चंदन, दूर्वा, फूल-माला, भोग लगाने के साथ-साथ धूप और दीपक जलाना चाहिए
गणेश जी की पूजा के बाद भीग भगवान श्री कृष्ण की पूजा आरंभ करनी चाहिए। सबसे पहले अपने हाथों में थोड़ा सा जल आचमन के तौर पर लेकर धोएं। इसके बाद भगवान कृष्ण को जल अर्पित करें।
भगवान कृष्ण को दक्षिणावर्ती शंख के माध्यम से ही जल का स्नान करना चाहिए। इसके साथ ही दूध से अभिषेक करना भी शुभ होता है।
भगवान कृष्ण का अभिषेक करते समय कृं कृष्णाय नमः: मंत्र का जाप जरूर करते रहें।
जन्माष्टमी के दिन भगवान को पीले रंग के वस्त्र धारण कराएं। इसके साथ ही मुकुट में मोर पंख जरूर लगाएं।
भगवान कृष्ण की मूर्ति के पास गौ माता का मूर्ति जरूर रखना चाहिए। इसके साथ ही गौ माता का अभिषेक करने के साथ भोग लगाना चाहिए।
भगवान कृष्ण को दूध, दही, माखन, मिश्री, लड्डू आदि का भोग लगाएं। इसके साथ तुलसी का दल जरूर रखें।
श्रीकृष्ण के पूजन के समय दूर्वा, कुमकुम, चंदन, चावल, अबीर, फूल जरूर अर्पित करें। इसके साथ गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए।
बाल गोपाल की पूजा करने के साथ-साथ राधारानी की पूजा भी जरूर करना चाहिए।