घर में मंदिर का निर्माण और रोजाना पूजा पाठ करना सनातन धर्म का अनिवार्य अंग है. काफी सारे लोग कई बार शिकायत करते हैं कि सात्विक जीवन जीने और प्रभु की नित्य पूजा-पाठ के बावजूद उन्हें उसका फल नहीं मिलता. अगर आपके साथ भी ऐसा है तो शास्त्रों के मुताबिक इसकी वजह आपके घर के मंदिर में ही छिपी हो सकती है. हम अपने घर के मंदिर में जाने-अनजाने कई ऐसी गलतियां कर जाते हैं, जिसके चलते अनिष्ट झेलना पड़ता है और दरिद्रता घर में पांव पसारने लगती है. आइए जानते हैं कि वे कौन सी गलतियां हैं.
घर के मंदिर में भगवान के रौद्र रूप वाली किसी भी तस्वीर को रखने से परहेज करें. ऐसा करना अशुभ और अनिष्टकारी माना जाता है. इसके बजाय आप मंदिर में ऐसी मूर्तियां रखें, जिसमें वे मुस्कराते और अपना आशीर्वाद देते हुए दिख रहे हों. इस तरह की मूर्तियां घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं.
कई लोग घर के मंदिर में साईं बाबा, कोई संत महापुरुष, अपने कुल देवता या अपने दिवंगत पुरखों की तस्वीर रखना पसंद करते हैं. शास्त्रों की नजर में ऐसा करना गलत माना गया है. ग्रंथों के मुताबिक प्रभु के दरबार में उन्हीं के बनाए इंसानों को बराबर में विराजमान नहीं किया जा सकता. ऐसा करने के बजाय उन संत-महापुरुषों के लिए मंदिर के बाहर कहीं पास में ही उचित स्थान की व्यवस्था कर सकते हैं.
भगवान की पूजा के दौरान उन्हें पुष्प अर्पित करना सामान्य परंपरा है. लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पूजा की थाली में हमेशा ताजे फूल ही चढ़ाने चाहिएं. जमीन पर गिरे फूलों को भूलकर भी पूजा घर में नहीं चढ़ाया जाना चाहिए. ऐसा करने से प्रभु का आशीर्वाद नहीं मिलता. जहां तक तुलसी के पत्तों की बात है तो उसके टूटे हुए पत्तों को 11 दिनों तक बासी नहीं माना जाता है. ऐसे में आप उसकी पत्तियों को जल से धोकर रोज भगवान को अर्पित कर सकते हैं.
घर में बने पूजाघर में भगवान गणेश या किसी भी अन्य देवता की एक से ज्यादा मूर्तियां भूलकर भी न रखें. ऐसा करने से घर में अशांति आती है और बनते हुए काम बिगड़ जाते हैं. अगर आप मंदिर के लिए नई मूर्ति लाना चाहते हैं तो उसके लिए शुभ समय दीपावली होता है. उस दौरान आप नई मूर्ति लाकर पूजाघर में विराजमान कर सकते हैं. साथ ही पुरानी मूर्ति को नदी, नहर या किसी साफ जगह मिट्टी खोदकर भूस्माधि दे सकते हैं.
भगवान की पूजा के लिए थाली में चावल रखना बहुत शुभ माना जाता है. इसका मतलब होता है कि आप प्रभु से कामना कर रहे हैं कि आपका घर धन-धान्य से भरपूर रहे. हालांकि इस थाली में कभी भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाने चाहिए. टूटे चावल चढ़ाने से प्रभु का अनादर होता है, जिससे आपको उनकी कृपा नहीं मिलती.
घर के मंदिर में जगह कम होती है और वहां रखी जानी वाली मूर्तियां की प्राण प्रतिष्ठा भी नहीं होती. इसलिए वहां पर एक नियत साइज से ज्यादा बड़ी मूर्ति कभी नहीं रखनी चाहिए. अगर आप वहां शिवलिंग रखना चाहते हैं तो उसका साइज अंगूठे के आकार से बड़ा नहीं होना चाहिए. कोशिश करें कि सभी मूर्तियों का आकार एक समान हो. असमान आकार की मूर्तियां रखने से घर में क्लेश का वातावरण बन जाता है और प्रभु का क्रोध झेलना पड़ता है.