वास्तु शास्त्र में दिशाओं पर विशेष जोर दिया गया है. अगर किसी भी चीज के लिए सही दिशा का ध्यान नहीं रखा जाए, तो उसके विपरीत परिणाम सामने आते हैं. वास्तु शास्त्र में कई चीजे पॉजिटिव और निगेटिव एनर्जी देती हैं. ऐसा ही घर के मंदिर के लिए भी वास्तु में कुछ नियम बताए गए हैं. मंदिर में जलने वाला दीपक पॉजिटिविटी का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि घर में दीपक जलाने से निगेटिव ऊर्जा समाप्त होती है. लेकिन इसे लेकर भी कुछ नियम बताए गए हैं. इन बातों का पालन न करने पर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
वास्तु जानकारों का मानना है कि दीपक को कभी भी भगवान की मूर्ति के सामने न रखें. अगर आप घी का दीपक जला रहे हैं, तो इसे हमेशा अपनी बाईं तरफ रखना चाहिए. वहीं. तेल का दीपक अपनी दाईं ओर रखें.
घी और तेल के दीपक के साथ उसकी बाती को लेकर भी कुछ नियमों के बारे में बताया गया है. दीपक जलाते समय ही बाती का इस्तेमाल करना भी जरूरी है. तेल का दीपक जलाते समय बाती लाल रंग के धागे से बनी होने चाहिए. वहीं, घी का दीपक जला रहे हैं तो रुई की बाती ही दीपक में इस्तेमाल करनी चाहिए.