Breaking News
युवती ने शादी के वक्त पति से छुपाई ऐसी बात, पता चलते ही पैरों तले खिसकी जमीन, परिवार सदमे में Best Recharge Plans : Jio ने 84 दिन वाले प्लान से BSNL और Airtel के होश उड़ा दिए, करोड़ों यूजर्स की हो गई मौज Cooking Oil Price Reduce : मूंगफली तेल हुआ सस्ता, सोया तेल की कीमतों मे आई 20-25 रुपये तक की भारी गिरावट PM Kisan Yojana : सरकार किसानों के खाते में भेज रही 15 लाख रुपये, फटाफट आप भी उठाएं लाभ Youtube से पैसे कमाने हुए मुश्किल : Youtuber बनने की सोच रहे हैं तो अभी जान लें ये काम की बात वरना बाद में पड़ सकता है पछताना
Monday, 20 January 2025

Astrology

Sawan Special : आज विष्कुंभ और प्रीति योग का अद्भुत संयोग, ज्योतिष अनुसार इस योग में जन्म लेने वाली संतान होती है सौभाग्यशाली!

14 July 2022 04:42 PM Mega Daily News
महीने,भगवान,अनुसार,शिवलिंग,विशेष,googleadblock,भोलेनाथ,सोमवार,प्रीति,ज्योतिष,शास्त्र,भाग्यशाली,विष्कुम्भ,आर्थिक,जुड़े,sawan,special,today,wonderful,combination,vishkumbh,preeti,yoga,according,astrology,children,born,lucky

सावन के महीने में सोमवार का व्रत विशेष माना जाता है। 14 जुलाई को सावन माह की शुरुआत में विशकुंभ और प्रीति योग बन रहा है। ये दोनों योग बहुत ही शुभ होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन योगों में जन्म लेने वाले बच्चे भाग्यशाली साबित होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विष्कुम्भ योग में जन्म लेने वाले लोगों को आम तौर पर आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ता है और वे आर्थिक रूप से भाग्यशाली हैं। इस योग में जन्में लोग आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं। इस योग में जन्म लेने वाले इस योग में जन्म लेने वाले लोग अक्सर औषधि और चिकित्सा से जुड़े कार्य करते देखे जाते हैं। विष्कुम्भ योग में जन्म लेने वाले लोग आमतौर पर सभी प्रकार के सुखों के प्राप्तकर्ता होते हैं।

वहीं प्रीति योग में जन्म लेने वाले लोग जिज्ञासु स्वभाव के होते हैं। इस योग में जन्म लेने वाले जातकों में धन की महत्वाकांक्षा बहुत तीव्र होती है। दूसरे शब्दों में, उन्हें धन (भौतिक सुख) के लिए अपेक्षाकृत विशेष स्नेह है। इस प्रकार उनमें धन और सम्मान से जुड़े मामलों में अपना स्वार्थ सिद्ध करने का भौतिक गुण भी मौजूद होता है।

ऐसे करें सावन में भोलेनाथ की पूजा होगा फलदायी

आचार्यों के अनुसार सावन के महीने में प्रतिदिन पूजा करनी चाहिए। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए यह माह उत्तम है। साथ ही शिवलिंग का अभिषेक करना भी लाभकारी होता है। सावन के महीने में प्रात:काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर में जाकर भगवान शिव के सामने घी का दीपक जलाएं। दूध और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक। महादेव को बेलपत्र, पंचामृत, फल और फूल चढ़ाएं। अंत में आरती करें।

सावन में धरती पर आते हैं भगवान शिव

भोलेनाथ ने राजा दक्ष को वरदान दिया था कि सावन के महीने में वे कैलाश पर्वत से उतरकर विश्व के प्रत्येक शिवलिंग में निवास करेंगे। इस दौरान यदि कोई भक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाता है तो वह गंगाजल बन जाता है और स्वयं शिव को प्राप्त होता है। इसलिए जलधारा भगवान शिव को प्रिय है। शायद इसीलिए भक्त उनका जलाभिषेक करके भगवान को प्रसन्न करते हैं।

शास्त्रों के अनुसार कलियुग में शिव ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो चारों पुरुषार्थों को करवाते हैं। यदि सावन के पूरे महीने में निर्दोष की भक्ति संभव नहीं है, तो सोमवार को उपवास के साथ-साथ मंदिर में ओम नमः शिवाय के साथ जल अर्पित करना चाहिए। सावन के महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाने का विशेष महत्व है।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News