अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी की है. महंगाई को काबू में करने के मकसद से उसने ये कदम उठाया है. अमेरिका में महंगाई 41 सालों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 0.75 फीसदी बढ़ोतरी ब्याज दरों में की है. ये यूएस केंद्रीय बैंक द्वारा की गई लगातार चौथा इजाफा है. बढ़ोतरी का यह स्तर 1994 के बाद सर्वाधिक है.
फेडरल रिजर्व का लक्ष्य महंगाई को थामने की ओर है, जो 9.1 फीसदी के साथ 41 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत पर भी पड़ सकता है. रुपया पहले ही डॉलर के मुकाबले 80 के आसपास है औऱ डॉलर की मजबूती के बाद विदेशी निवेशकों की बिकवाली और तेज हो सकती है, जिससे रुपये पर असर पड़ना स्वाभाविक है. भारत में भी महंगाई का स्तर अभी भी चिंताजनक स्तर पर है और रिजर्व बैंक अगस्त माह में मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान ब्याज दरों में तीसरी बार बढ़ोतरी कर सकता है.