संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की नई ‘वैश्विक शिक्षा रिपोर्ट’ में कहा गया है कि 130 देशों में लड़कियों की तुलना में लड़कों के प्राथमिक कक्षाओं में दोबारा पढ़ने की संभावना अधिक है. ‘लीव नो चाइल्ड बिहाइंड: ग्लोबल रिपोर्ट ऑन बॉयज डिसेन्गेज्मन्ट फ्रॉम एजुकेशन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में बताया गया है कि प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल में पढ़ने की उम्र वाले करीब 13 करोड़ 20 लाख लड़के स्कूल नहीं जा रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, शारीरिक रूप से परेशान किए जाने का खतरा लड़कियों की तुलना में लड़कों को अधिक होता है. इसमें कहा गया है कि 130 देशों में लड़कियों की तुलना में लड़कों के प्राथमिक कक्षाओं में फिर से पढ़ने की अधिक संभावना है और ये आंकड़े स्कूल में आगे की कक्षाओं में जाने की उनकी खराब गति की ओर इशारा करते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 57 देशों के आंकड़ों के अनुसार, पढ़ने की क्षमता के संदर्भ में 10 साल की उम्र के लड़के, लड़कियों की तुलना में काफी पीछे हैं. किशोर लड़के माध्यमिक स्तर पर लड़कियों से पिछड़ते जा रहे हैं.
इसमें कहा गया है, ‘लड़कियों के कभी स्कूल नहीं जा पाने की अधिक आशंका होती है, लेकिन कई देशों में लड़कों के आगे की कक्षाओं में नहीं पढ़ पाने और अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाने का खतरा अधिक है. इस समय 13 करोड़ 20 लाख लड़के स्कूल नहीं जा रहे.’
रिपोर्ट में शिक्षा से लड़कों के इस तरह के अलगाव के पीछे कड़े अनुशासन, शारीरिक दंड, लिंग संबंधी मानदंड, गरीबी और काम करने की जरूरत को कारण बताया गया है.