ब्रिटेन में सोमवार को नई 'हाई पोटेंशियल इंडीविजुअल' (HPI) वीजा व्यवस्था की शुरुआत की गई जिससे भारतीयों सहित विश्व के 50 शीर्ष विदेशी विश्वविद्यालयों के छात्रों को लाभ होगा. भारतीय मूल के मंत्रियों ऋषि सुनक (Rishi Sunak) और प्रीति पटेल (Preeti Patel) ने एक संयुक्त बयान में कहा कि इस नई श्रेणी का मकसद दुनियाभर से आने वाली सर्वश्रेष्ठ और मेधावी प्रतिभाओं को आकर्षित करना है.
HPI वीजा श्रेणी के तहत सफल आवेदकों को दो साल के कार्य वीजा के साथ ही ऐसे लोगों को तीन साल के वीजा की पेशकश की जाएगी जो पीएचडी डिग्री धारक हैं. इस स्थिति में आवेदक के पास नौकरी की पेशकश का पत्र होने की अनिवार्यता भी नहीं रहेगी. ऋषि सुनक ने कहा, 'इस नई वीजा पेशकश का मतलब यह है कि ब्रिटेन दुनियाभर से सर्वश्रेष्ठ एवं मेधावी प्रतिभाओं को आकर्षित करना जारी रख सकता है.'
उन्होंने कहा, 'इस श्रेणी का अर्थ है कि ब्रिटेन नवाचार, रचनात्मकता और उद्यमिता के लिए एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में उभरेगा. मैं छात्रों से यहां अपना करियर बनाने के इस अविश्वसनीय अवसर का लाभ उठाने का आह्वान करता हूं.' इस वीजा श्रेणी का मकसद हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड और एमआईटी जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से विज्ञान, अभियांत्रिकी और चिकित्सा अनुसंधान में स्नातक मेधावी छात्रों को ब्रिटेन आने के लिए प्रोत्साहित करना है.