अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिकों ने 9 दिसंबर को घुसपैठ करने की कोशिश की उसे भारतीय सेना के जवानों ने अपने पराक्रम से फौरान नाकाम कर दिया. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर तिब्बत के नेता पेनपा सेरिंग ने चीन को दो टूक चेतावनी देते हुए तंज कसा है. जम्मू यूनिवर्सिटी में बौद्ध अध्ययन विभाग के सहयोग से आयोजित भारत-तिब्बत संघ की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्य समिति बैठक-सह-संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेने पहुंचे शेरिंग ने उस आयोजन से इतर मीडिया से बात करते हुए क्या कुछ कहा, आइए बताते हैं.
ये भूल न करे चीन: सेरिंग
सेरिंग ने कहा कि चीन अगर भारत को कमजोर समझता है तो ये उसकी गलती है और भारत को धमकाया नहीं जा सकता है. इसलिए चीन को ये गलती तो बिलकुल भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि आज का इंडिया 1962 वाला भारत नहीं है. इसके साथ सेरिंग ने कहा कि भारत के खिलाफ चीन के आक्रामक रुख से उसकी असुरक्षा की भावना जाहिर होती है. दरअसल चीन का मुख्य उद्देश्य भारत को रोकना है ताकि एशिया में उसके प्रभुत्व को चुनौती देना वाला कोई न बचे. चीनी सैनिक भारत के खिलाफ बिना वजह आक्रामक रुख बनाए हुए हैं जबकि ऐसा करने की उसे जरूरत नहीं है.
तवांग में क्या हुआ था?
तवांग में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन लगातार चालबाजियां कर रहा है. 9 दिसंबर को चीनी सैनिकों ने भारत में घुसने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना के जाबांज जवानों ने चीनी सैनिकों को मार-मार कर पीछे खदेड़ दिया था. पीएलए के जवानों ने सुबह करीब साढे 3 बजे भारत की सीमा में दाखिल होने की कोशिश की, लेकिन उसी दौरान सिख और जाट रेजीमेंट ने उनके नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया.