आपने कई साफ-सुथरे और मॉर्डन शहरों के बारे में सुना होगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पूरी तरह से जीरो वेस्ट टाउन बनने जा रहा है. इस शहर में जो भी वेस्ट यानी अपशिष्ट निकलता है उसको पूरी तरह से रीसाईकल किया जाता है. इस तरह ये शहर 2030 तक जीरो वेस्ट टाउन बनने के अपने टारगेट को 80 फीसदी पूरा कर चुका है. आइए इस शहर के बारे में बताते हैं.
जीरो वेस्ट टाउन के नाम से जाना वाला ये शहर जापान शिकोकू द्वीप के पहाड़ों में बसा है. इसका नाम कामिकत्सु है. साल 2003 में कामिकत्सु जापान में जीरो वेस्ट की घोषणा करने वाला पहला शहर बन गया. यहां करीब 1500 लोग रहते हैं. यहां के लोग गंदगी न फैलाने और जीरो वेस्ट की लाइफस्टाउल को बड़ी गंभीरता से अपना रहे हैं. यहां के लोगों ने शहर को कार्बन मुक्त करने की ठान ली. यहां वेस्ट को फिर से रीसाइक्लिंग किया जाता है.
लेकिन किसी भी शहर को पूरी तरह से कार्बन और वेस्ट से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य आसान नहीं है. इस शहर में आधी से ज्यादा आबादी 65 साल से ज्यादा उम्र की है. ऐसे में यहां का ग्रामीण समुदाय तेजी से सिकुड़ रहा है. लेकिन शहर का प्रशासन कोशिश कर रहा है कि लोगों को वेस्ट को रीसाइक्लिंग सामग्री का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, जिससे कचरे और गंदगी को कम करने में मदद मिलेगी. कामिकत्सु और उसके निवासियों के पास ज्यादा टिकाऊ लाइफस्टाइल है. जिससे कई बड़े शहरों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है.
जीरो वेस्ट सेंटर शहर में रीसाइक्लिंग सुविधा है, जहां लोग अपने कचरे को 45 श्रेणियों में छांट सकते हैं. कागज प्रोडेक्ट को अकेले छांटने के नौ तरीके हैं. शहर के लोग किसी भी कचरे को कूड़े के ढेर पर फेंकने से पहले उसे साफ करके सुखाते हैं ताकि उसकी रीसाइक्लिंग ठीक से हो सके. इसके साथ ही यहां के लोग केवल ऐसे सामान को ही इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें रीसाइकिल करके दोबारा उपयोग में लाया जा सके. कचरा जलाने के बजाय रीसाइक्लिंग करके यहां के लोग काफी पैसा बचा रहे है.
जीरो वेस्ट सेंटर से जुड़ी एक थ्रिफ्ट शॉप है, जिसे कुरु-कुरु दुकान कहते हैं. यहां लोग उन वस्तुओं को छोड़ सकते हैं, जिन्हें वे अब और इस्तेमाल नहीं करना चाहते. अन्य लोग उन्हें फ्री में ले जा सकते हैं. उन्हें केवल दुकान से ली गई वस्तु का वजन करना है और वजन को एक रजिस्टर में दर्ज करना है ताकि दुकान वस्तुओं की मात्रा का ट्रैक रख सके.