इन दिनों ईशनिंदा के मामलों में तेजी देखी गई है. यह तेजी सिर्फ भारत में नहीं देखी गई बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी ऐसे कई केस सामने आते हैं. हाल ही में कराची से कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा बाजारों में तोड़फोड़ और आगजनी का केस सामने आया. बता दें कि पाकिस्तान के बरेलवी मुसलमानों की भीड़ सैमसंग कंपनी के एक बिलबोर्ड पर बने क्यूआर कोड (QR Code) से नाराज हो गई.
पाकिस्तान में एक कट्टरपंथी समूह ने क्यूआर कोड को 'ईशनिंदक' करार दिया और आरोप लगाया कि यह 'अल्लाह का अपमान है'. ट्विटर पर वायरल हो रहे वीडियो में उन्मादी भीड़ को मोबाइल दुकानों में तोड़फोड़ और नारेबाजी करते देखा जा सकता है.
कराची पुलिस के मुताबिक प्रीडी पुलिस स्टेशन के SHO को सुबह 11 बजे के आसपास सूचना मिली कि स्टार सिटी मॉल में एक 'वाईफाई डिवाइस' लगाया गया है, जो कथित तौर पर पवित्र पैगंबर (पीबीयूएच) के खिलाफ टिप्पणी करता है.
वीडियो में देखा जा सकता है कि कट्टरपंथियों की भीड़ सैमसंग के बिलबोर्ड को जला रही है. गुस्साई भीड़ ने दुकानों के बाहर लगे कंपनी के बोर्ड भी तोड़ दिए. इस दौरान शहर के अलग-अलग इलाकों में दर्जनों की संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए. पाकिस्तान में ईशनिंदा का दुरुपयोग कोई नई बात नहीं है.
फरान जाफरी नामक एक ट्विटर यूजर ने अपने ट्वीट थ्रेड में पाकिस्तान में बवाल और तोड़फोड़ के कई वीडियो शेयर किए हैं. उन्होंने लिखा कि बरेलवी कट्टरपंथी समूह TLP के इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कराची शहर में सैमसंग के बिलबोर्ड तोड़ दिए क्योंकि उन पर एक क्यूआर कोड बना हुआ था जो कथित रूप से 'अल्लाह के खिलाफ' था. इसके साथ ही उन्होंने 31 दिसंबर 2021 की एक घटना को भी याद दिलाते हुए पुराना ट्वीट शेयर किया. इसके साथ उन्होंने कहा कि पिछले साल भी पाकिस्तान में एक शख्स ने सॉफ्ट ड्रिंक की एक बोतल पर एक क्यूआर कोड को कथित रूप से अल्लाह के खिलाफ करार दिया था.