Breaking News
युवती ने शादी के वक्त पति से छुपाई ऐसी बात, पता चलते ही पैरों तले खिसकी जमीन, परिवार सदमे में Best Recharge Plans : Jio ने 84 दिन वाले प्लान से BSNL और Airtel के होश उड़ा दिए, करोड़ों यूजर्स की हो गई मौज Cooking Oil Price Reduce : मूंगफली तेल हुआ सस्ता, सोया तेल की कीमतों मे आई 20-25 रुपये तक की भारी गिरावट PM Kisan Yojana : सरकार किसानों के खाते में भेज रही 15 लाख रुपये, फटाफट आप भी उठाएं लाभ Youtube से पैसे कमाने हुए मुश्किल : Youtuber बनने की सोच रहे हैं तो अभी जान लें ये काम की बात वरना बाद में पड़ सकता है पछताना
Tuesday, 11 February 2025

World

नौकरी की तलाश आए बेटे को 27 साल बाद माँ से पुनः मिलाया, इस दौरान देखें जिंदगी के कई रंग

04 June 2022 09:50 AM Mega Daily News
नेपाल,पुलिस,दूतावास,टीकाराम,परिजनों,परिवार,बागपत,निवासी,सूचना,दिया,नौकरी,रास्ता,लेकिन,जानकारी,महिला,,son,came,search,job,reunited,mother,27,years,time,see,many,colors,life

27 साल पहले नेपाल से नौकरी की तलाश में आकर रास्ता भटके युवक को कोट गांव में शरण मिली। एक परिवार ने बेटे की तरह उसका पालन पोषण किया लेकिन किसी ने इसकी जानकारी नेपाल दूतावास को दे दी। दूतावास और स्थानीय पुलिस की मदद से शुक्रवार को नेपाल से युवक की मां कोट गांव पहुंची।

एक मां 27 साल बाद बेटे से मिली, वहीं बेटे की तरह भरण पोषण करने वाले कोट गांव के परिवार से युवक बिछुड़ गया। लगभग दो घंटे तक नेपाल निवासी महिला की आंखों से खुशी के आंसू झलके तो कोट गांव का परिवार युवक को खोने के गम से फफक कर रोने लगा। इस दौरान ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गईं। इसके बाद महिला नेपाली युवक को अपने साथ लेकर रवाना हो गई।

पुलिस के अनुसार, नेपाल के गांव पुतौली निवासी किशन उर्फ रवि अपने पड़ोसी युवक टीकाराम के साथ 27 साल पहले नौकरी की तलाश में दिल्ली आया था। उस दौरान किशन की आयु मात्र 14 वर्ष थी। किशन रास्ता भटक कर टीकाराम से अलग हो गया और किसी तरह कोट गांव पहुंच गया। वहीं, टीकाराम ने परिजनों को किशन के लापता होने की सूचना दी। इस पर परिजनों ने नेपाल में टीकाराम के खिलाफ ही शिकायत दी। पुलिस ने टीकाराम से गहन पूछताछ की। इसके बाद नेपाल पुलिस किशन को तलाश नहीं पाई थी। वहीं, किशन को कोट गांव में गांव निवासी संजय सिंह अपने खेत पर मिल गया। किशन भूखा और बीमार था। 

फर्जी माता-पिता को नकारा

संजय के परिजनों का कहना है कि लगभग तीन साल बाद ही एक दंपती किशन को अपना बेटा बताकर लेना पहुंचा था, लेकिन किशन ने उन्हें माता-पिता मानने से इनकार किया और संजय के साथ ही रहने की जिद की। इसके चलते दंपती को वापस भेज दिया गया।

बहलाकर बागपत में छोड़ा

गांव का एक परिवार पांच फरवरी 2020 को किशन को बहलाकर बागपत ले गया और गांव महरमपुर में किसी व्यक्ति को सौंप दिया। वह किशन से पशुओं आदि का काम कराने लगा। इसकी जानकारी होने पर शिकायत संजय ने कोतवाली में की। पुलिस की मदद से किशन को वापस लाया गया। 

बागपत के ग्रामीण ने दी दूतावास में सूचना

किशन को बागपत से वापस गांव लाए जाने के बाद वहां के ग्रामीण ने इसकी सूचना नेपाल दूतावास को दे दी। दूतावास ने उसके फोटो आदि की मदद से नेपाल में उसकी मां को खोज लिया। किशन के पिता की मृत्यु हो चुकी है। दूतावास और पुलिस की मदद से ही किशन की मां लक्ष्मी देवी व टीकाराम कोट गांव पहुंचे।

उन्होंने बताया कि उनके तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा ज्ञानेन्द्र छोटा बाबूराम और बीच का किशन है। करीब दो घंटे तक कोट गांव में रुकने के बाद संजय व उसके परिजनों ने किशन को कपड़े और रुपये आदि देकर रोते हुए उसकी मां के साथ विदा कर दिया। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार का कहना है किशन का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News