जैक मा, एक ऐसा नाम जो दुनियाभर के करोड़ो युवाओं को कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित करता है, एक ऐसा नाम जिसकी सफलता की कहानी पूरी फिल्मी लगती है, एक ऐसा नाम जिसकी गिनती कभी एशिया के सबसे रईस आदमी में होती थी, लेकिन यह नाम पिछले 2 साल से गुमनामी के बादल में गुम था. जैक मा इतने लंबे समय से सार्वजनिक रूप से कहीं दिख नहीं रहे थे और न ही उनको लेकर कोई खबर सामने आ रही थी. पिछले दिनों जैक मा यूरोपीय टूर पर देखे गए. इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपनी कंपनी एंट ग्रुप से अपना कंट्रोल छोड़ सकते हैं. चर्चा है कि उन पर ऐसा करने के लिए लगातार चीनी सरकार का दबाव है. आज हम बात करेंगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो बुलंदियों के आसमान पर खड़ा यह शख्स अचानक जमीन पर आ गया.
जैक मा 5वीं में 2 बार और 8वीं में 3 बार फेल हुए थे. ग्रेजुएशन के लिए अमेरिका की हारवर्ड यूनिवर्सिटी ने करीब 10 बार दाखिला देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने करीब 30 नौकरियों में अप्लाई किया और सभी में रिजेक्ट कर दिए गए थे. एक बार उन्होंने केएफसी में जॉब के लिए अप्लाई किया. उस वैकेंसी के लिए 25 लोगों ने आवेदन किया था. 24 लोग चुन लिए गए, जबकि अकेले जैक मा रिजेक्ट हुए. इतनी असफलता के बाद भी जैक मा निराश नहीं हुए. उन्होंने टूरिस्ट गाइड का काम किया. इंग्लिश मजबूत होने के बाद उन्होंने ट्रांसलेशन एजेंसी का काम शुरू किया. 1994 में जब वह अपने बिजनेस के सिलसिले में अमेरिका गए थे, तो वहां इंटरनेट देखकर हैरान रह गए. अमेरिका से लौटकर इन्होंने चीन की पहली ऑनलाइन डायरेक्टरी “China Pages” ल़ॉन्च की. 21 फरवरी 1999 को जैक मा ने अपने 17 दोस्तों के साथ मिलकर अलीबाबा की नींव रखी. धीरे-धीरे अलीबाबा का कारोबार फैलता गया और जैक मा की बिजनेस भी. इन्होंने एंट ग्रुप के तहत कई कामों में एंट्री मारी, पेमेंट गेटवे से लेकर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री तक, हर जगह जैक मा की मौजूदगी बढ़ती गई. अलीबाबा दुनियाभर की कंपनियों में निवेश करती थी.
जैक मा और अलीबाबा के लिए सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन उन्होंने 2020 में एक ऐसी गलती की, जिसकी बड़ी कीमत उन्हें चुकानी पड़ी और उनका कारोबार लगभग हिल चुका है. दरअसल, उन्होंने तब शंघाई में दिए एक भाषण के दौरान कहा था कि चीन में कोई मैच्योर फाइनेंशियल सिस्टम नहीं है. बैंकिंग सिस्टम को उन्होंने ब्याज खोर बताते हुए कहा था कि बैंक सिर्फ उन्हीं को लोन देते हैं जो बदले में कुछ गिरवी रखते हैं. इस बयान के बाद से ही वह चीनी सरकार की आंखों की किरकिरी बन गए. इसके बाद सरकार ने उन पर पहला हंटर तब चलाया जब चीन के मार्केट रेगुलेटर ने अलीबाबा ग्रुप के खिलाफ एकाधिकार-रोधी जांच शुरू की. इसके बाद सरकार ने एंट ग्रुप का आईपीओ रोक दिया. सरकार ने उन्हें देश न छोड़ने की भी सलाह दी. तब से जैक मा लगभग गायब ही हो गए.
बताया जाता है कि चीनी सरकार अब भी उन पर नकेल कसना चाहती है और उन पर एंट ग्रुप से निकलने का दबाव लगातार बनाया जा रहा है. फिलहाल एंट ग्रुप में उनकी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी ही है, लेकिन सहयोगी कंपनी के जरिये ग्रुप पर उन्हीं का नियंत्रण है. चीनी सरकार इसी नियंत्रण को हटाना चाहती है और चर्चा है कि जैक मा जल्द इसे छोड़ने की तैयारी में हैं.
2020 में चीनी सरकार की आलोचना से पहले जैक मा एशिया के सबसे रईस आदमी हुआ करते थे. अप्रैल 2020 तक जैक मा के पास कुल 44.5 अरब डॉलर की संपत्ति थी, लेकिन चीनी सरकार का हंटर चलने के बाद उनकी संपत्ति कम होती गई. अब वह टॉप 30 अरबपतियों की रेस से भी बाहर हो चुके हैं. ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक अब जैक मा की दौलत 36.4 बिलियन डॉलर से भी कम रह गई है.