कोरोना काल से उबरने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से रफ्तार पकड़ रही है. अब भारत की इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है और वार्षिक वृद्धि दर 8.7 फीसदी तक पहुंच गई है. भारतीय अर्थव्यवस्था ने चीन, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों को भी पछाड़ दिया है. वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर के मामले में भारत ने कई बड़े देशों को पछाड़ दिया है. इस दौरान चीन की अर्थव्यवस्था 8.1 फीसदी की दर से बढ़ी जबकि ब्रिटेन ने 7.4 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज की है. अमेरिका (5.7%) इस मामले में फ्रांस (7%) से भी पीछे रहा है.
देश की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 4.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. वहीं पूरे वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर-दिसंबर 2021 की तिमाही में वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही थी जबकि जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत रही थी.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 के पूरे साल में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.7 प्रतिशत रही. इसके पहले वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 6.6 प्रतिशत की गिरावट आई थी. हालांकि मार्च 2022 में खत्म होने पर वित्त वर्ष का वृद्धि आंकड़ा NSO के पूर्वानुमान से कम रहा है. एनएसओ ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में इसके 8.9 प्रतिशत रहने की संभावना जताई थी.
इससे पहले कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 6.6 प्रतिशत की गिरावट आई थी. एनएसओ के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में वास्तविक जीडीपी 147.36 लाख करोड़ रुपये हो गई जबकि एक साल पहले यह 135.58 लाख करोड़ रुपये रही थी. हालांकि मार्च 2022 में समाप्त वित्त वर्ष का वृद्धि आंकड़ा एनएसओ के पूर्वानुमान से कम रहा है.
विनिर्माण क्षेत्र में जीवीए वृद्धि 9.9 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसमें 0.6 प्रतिशत की गिरावट आई थी. वहीं खनन एवं निर्माण दोनों ही क्षेत्रों में जीवीए 11.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा. इन दोनों ही क्षेत्रों में एक साल पहले संकुचन आया था. हालांकि देश की बड़ी आबादी से जुड़े कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर वर्ष 2021-22 में घटकर तीन प्रतिशत रह गई जो एक साल पहले 3.3 प्रतिशत पर थी.