श्रीलंका (Sri Lanka) में गंभीर आर्थिक संकट के बाद जनता की नाराजगी की वजह से देश छोड़कर भागने को मजबूर हुए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं. सेना के प्लेन से मालदीव पहुंचे गोटबाया अब वहां भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. वे अब मालदीव छोड़कर सिंगापुर जाने की कोशिश में हैं. इसके लिए वे मालदीव में प्राइवेट जेट का इंतजार कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) अपनी पत्नी लोमा राजपक्षे और 2 सिक्योरिटी अफसरों के साथ मालदीव की राजधानी माले में हैं. उन्होंने सिंगापुर एयरलाइंस के जरिए सिंगापुर निकल जाने का प्लान किया था. इसके लिए चारों लोगों के टिकट भी खरीद लिए गए थे लेकिन बाद में सुरक्षा कारणों की वजह से उन्होंने यह आइडिया ड्रॉप कर दिया. अब वे एक प्राइवेट एयरक्राफ्ट हायर करके मालदीव से सिंगापुर जाने के प्रयास में हैं.
इसी बीच गोटबाया राजपक्षे की ओर से देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाए गए रानिल विक्रमसिंघे ने देश में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है. उन्होंने लोगों से घर लौटने और सरकार के साथ सहयोग की अपील की. विक्रमसिंघे केवल 7 दिनों के लिए राष्ट्रपति बने हैं. संसद में 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव होगा. इसके बाद देश के शासन की बागडोर नए राष्ट्रपति के हाथों में आ जाएगी.
भारत के दक्षिण में बसा द्वीपीय देश श्रीलंका (Sri Lanka) अपने इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. वहां पर सरकार के पास विदेशी सामान की खरीद करने के लिए करीब 15 हजार करोड़ रुपये ही हाथ में बचे हैं. जिनसे उसे विदेश कर्ज का लोन भी चुकाना है और अपने देश की जनता का पेट भी भरना है. सरकार के पास डॉलर की कमी होने की वजह से श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल, दवा, खान-पान के सामानों की भारी कमी हो गई है.
यह संकट 2 साल पहले कोरोना महामारी के आगमन के साथ शुरू हुआ था. लेकिन पिछले 6 महीनों में हालात सबसे ज्यादा खराब हो गए. लोग इस संकट के लिए श्रीलंका के शक्तिशाली राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार मान रहे हैं. इस परिवार के 7 लोग राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, खेल मंत्री, सिंचाई मंत्री मंत्री जैसे अहम पदों पर काबिज थे. लोगों का आरोप है इस परिवार के भ्रष्टाचार और गलत नीतियों की वजह से देश दलदल में धंसता चला गया.