रूस ने शनिवार को कहा कि उसके सैनिकों और अलगाववादी लड़ाकों ने पूर्वी यूक्रेन में एक प्रमुख रेलवे जंक्शन पर कब्जा कर लिया है. रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेंकोव (Igor Konashenkov) ने कहा कि रूसी सैनिकों और क्रेमलिन समर्थित अलगाववादियों की संयुक्त सेना ने लिमान शहर को ‘पूरी तरह मुक्त’ करा लिया है. इन अलगाववादियों ने रूस की सीमा से लगते पूर्वी क्षेत्र में 8 वर्षों से युद्ध (War) छेड़ रखा है.
रूस को मिलेगी इस जीत से मदद
रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन (Ukraine) पर आक्रमण करने से पहले करीब 20,000 लोगों की आबादी वाला लिमान क्षेत्रीय रेलवे हब था. यूक्रेन में युद्ध के दौरान ट्रेनों से हथियार लाए गए और नागरिकों को निकाला गया. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस घटनाक्रम का क्या असर होगा. इस शहर पर कब्जा जमाने से रूसी सेना को दोनेत्स्क और लुहांस्क शहरों की ओर बढ़ने के लिए अपने पैर जमाने में मदद मिलेगी. यह दोनों प्रांत डोनबास क्षेत्र का हिस्सा हैं. यूक्रेन की राजधानी कीव (Kyiv) पर कब्जा जमाने में नाकाम रहने के बाद से रूस ने इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर दिया है.
राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने क्या कहा?
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक आकलन में कहा, ‘अगर रूस इन इलाकों पर कब्जा करने में कामयाब हो जाता है तो इसे क्रेमलिन (Kremlin) ठोस राजनीतिक उपलब्धि के तौर पर देखेगा और रूस लोगों के सामने आक्रमण को न्यायोचित ठहराने के तौर पर पेश करेगा.’ शनिवार को सिविरोदोनेत्स्क और नजदीकी लिसिचांस्क शहरों के आसपास लड़ाई जारी रही, जो लुहांस्क प्रांत में यूक्रेन के कब्जे वाले प्रमुख इलाके हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (President Volodymyr Zelensky) ने दोहराया कि पूर्वी क्षेत्र में हालात ‘मुश्किल’ हैं लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि उनका देश विजयी होगा. उन्होंने कहा, ‘अगर कब्जा करने वाले लोग यह सोचते हैं कि लिमान या सिविरोदोनेत्स्क उनके हो जाएंगे, तो वे गलत हैं. डोनबास यूक्रेन का रहेगा.’