तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 11,000 से अधिक हो गई है. अधिकारियों और बचाव दल द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान ने बुधवार को सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और कहा कि देश में भूकंप से कुल 8,574 लोग मारे गए हैं. इससे पहले, देश की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा था कि 40,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
सीरिया में 1200 से ज्यादा लोग मारे गए
सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सीरिया में कम से कम 1,250 लोग मारे गए हैं और 2,054 घायल हुए. रिपोटर्स में बचावकर्मियों के हवाले से कहा गया है कि सीरिया में विपक्ष के कब्जे वाले क्षेत्र में कम से कम 1,280 लोग मारे गए और 2,600 से अधिक घायल हुए. सोमवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 4:17 बजे तुर्की के दक्षिणी प्रांत कहारनमारस में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, इसके कुछ मिनट बाद देश के दक्षिणी प्रांत गजियांटेप में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया और कहारनमारस प्रांत में स्थानीय समयानुसार दोपहर 1:24 बजे 7.6 तीव्रता का भूकंप आया.
बचावकर्मी सोमवार को कड़ाके की ठंड के बीच तुर्की और सीरिया में आए घातक भूकंपों के केंद्र कहारनमारस में लोगों का लगातार रेस्क्यू करने में जुटे रहे. कई देश और वैश्विक सहायता एजेंसियां भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में बचाव दलों और राहत सामग्री की पेशकश कर रही हैं.
चीन का 82 सदस्यीय बचाव दल एक चार्टर्ड विमान से 8,000 किमी से अधिक की उड़ान भरने के बाद तुर्की में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में बचाव प्रयासों में सहायता के लिए बुधवार को अदाना हवाई अड्डे पर पहुंचा.
चीनी बचाव दल के उप प्रमुख वांग मो ने कहा, आगमन पर टीम ऑडियो और वीडियो लाइफ डिटेक्टर, चिकित्सा उपकरण और रेस्क्यू कुत्तों को आपदा क्षेत्र में लाएगी और तुरंत खोज और बचाव कार्य शुरू करेगी. जबकि सीरिया भूकंपों के बीच कठिन संघर्ष कर रहा है, अमेरिकी प्रतिबंध अभी भी देश में मानवीय राहत कार्य को रोक रहे हैं. सीरियाई विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भूकंप आपदा से निपटने के दौरान सीरियाई लोग खाली हाथों से मलबे के बीच खुदाई कर रहे हैं, क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा मलबे को हटाने के उपकरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
मदद कर रहा है भारत
तुर्की में भूकंप से हुए भारी नुकसान के बाद भारत सरकार ने मदद के हाथ बढ़ाए हैं. इसी कड़ी में दो स्पेशल विमान सी-17 ग्लोबमास्टर से एनडीआरएफ के 101 जवान तुर्की पहुंच गए हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. इसे ऑपरेशन दोस्त नाम दिया गया है. वहीं एक और एनडीआरएफ की टीम दिल्ली से तुर्की के लिए आज रवाना की जाएगी. एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने ये जानकारी दी है.
अतुल करवाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि एनडीआरएफ की पहली टीम कल तुर्की के अदाना एयरपोर्ट पर उतरी थी जबकि दूसरी टीम को उर्फा डायवर्ट कर दिया गया क्योंकि अदाना में काफी भीड़ थी. दोनों टीमें नूडार्गी में एकत्रित हुई और रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई हैं. उन्होंने बताया कि भूकंप से भारी तबाही हुई है और सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है.