दया भील की दुखद हत्या की खबरों पर पाकिस्तानी अभिनेत्री उशना शाह ने देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार की आलोचना की है, मीडिया को यह जानकारी दी गई है. समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, 'बशर मोमिन' की अदाकारा ने देश में पाकिस्तानी धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले बर्ताव पर नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा- दया भील, सिंधी हिंदू का सबसे जघन्य तरीके से बलात्कार, हत्या और सिर काट दिया गया, फिर भी मीडिया में कोई नाराजगी नहीं है. हम इस बारे में क्यों नहीं बोल रहे हैं.
44 वर्षीय विधवा दया भील की मंगलवार को कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी, और उसका क्षत-विक्षत शव सिंध के संघर जिला कार्यालय से 18 किमी दूर डिप्टी साहब गांव में उसके घर से आधा किलोमीटर दूर एक खेत में पाया गया था.
एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की कोई आवाज नहीं है, ठीक दया भील की तरह. मेरे कुछ करीबी हिंदू-पाकिस्तानी दोस्त हैं. अद्भुत, दयालु लोग, कुछ मेरे लिए परिवार की तरह भी हैं. वह विशेषाधिकार प्राप्त घरों से हैं. मैं यह सोचकर कांप उठती हूं कि यदि वह नहीं होते तो बहुसंख्यक अल्पसंख्यकों की तरह उनका जीवन भी खराब होता, जिनकी कोई आवाज नहीं है, दयाभेल.
द करेंट ने बताया, इस साल की शुरूआत में रमजान के पवित्र महीने के दौरान, उशना ने एक उदाहरण शेयर किया था जहां उसे एक ईसाई और एक हिंदू द्वारा मदद की गई थी, जब वह रमजान में अस्र की नमाज अदा करने जा रही थी. शाह ने ट्वीट किया था, अभी-अभी एक ईसाई और एक हिंदू ने अस्र की नमाज अदा करने में मेरी मदद की और सहिष्णुता की मिसाल कायम की.
नाबिला सैलून में, मेकअप आर्टिस्ट (जो हिंदू है) ने फॉसट को पकड़ रखा था ताकि मैं आसानी से वुजू कर सकूं और एक अन्य मेकअप आर्टिस्ट (जिसने कल रात मेरा मेकअप किया था), जो ईसाई है, ने मेरे लिए जनमेज फैलाया.
पिछले साल उशना ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर देश में अल्पसंख्यकों के साथ एकजुटता का इजहार किया था. अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर कहा था, मैं स्वतंत्रता दिवस मनाऊंगी जब पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को आर्थिक, भौतिक और धार्मिक सुरक्षा के साथ-साथ नागरिक स्वतंत्रता का वादा किया जाएगा. वही वादा जिसने इस देश की नींव रखी.