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यूक्रेन और रूस की जंग में अब ब्रिटिश सेना की एंट्री, देगी यूक्रेन का साथ
Mega Daily News April 24, 2022 09:13 AM IST

क्या यूक्रेन और रूस में चल रही जंग में अब ब्रिटिश सेना की भी एंट्री हो चुकी है. यह सवाल इन दिनों शिद्दत से पूछा जा रहा है.

ब्रिटिश कमांडोज की यूक्रेन में हुई एंट्री?

रशियन मीडिया में रिपोर्ट हैं कि ब्रिटेन ने अपनी SAS यूनिट के खतरनाक कमांडोज को यूक्रेन में रूस के खिलाफ लड़ने के लिए तैनात कर दिया है. वे यूक्रेनी सेना की वर्दी पहनकर रूसी सेना के खिलाफ अभियानों को अंजाम दे रहे हैं.

रूस ने दी ब्रिटिश कमांडोज के सफाये की धमकी

रूस ने ब्रिटिश कमांडोज के जंग में उतरने की चर्चाओं की जांच कराने का आदेश दिया है. साथ ही खुले तौर पर ब्रिटेन को चेतावनी दी है कि अगर उसके कमांडोज छदमवेश में रूसी सेना के खिलाफ लड़ते पाए जाते हैं तो पकड़े जाने पर वह उनका सफाया कर सकता है. 

दरअसल सोशल मीडिया पर एक फुटेज वायरल हो रही है. जिसमें 48 वर्षीय शॉन पिनर और 28 वर्षीय एडेन असलिन को रूसी सेना की हिरासत में दिख रहे हैं. दोनों ही ब्रिटिश नागरिक हैं और उन्हें डोनबास इलाके में यूक्रेन की ओर से युद्ध लड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. रूसी सेना उन दोनों से ब्रिटेन के प्लान और बाकी सैनिकों के बारे में पूछताछ कर रही है. 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फुटेज

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फुटेज में रूसी सैनिक विदेशी लड़ाकों को संबोधित करते हुए कहते हैं कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, आप अपने घरो को लौट जाओ. वे यह भी कहते दिखते हैं कि पकड़े गए दोनों ब्रिटिश नागरिकों का भाग्य युद्ध में जीत हासिल करने वालों के हाथ में होगा.

रशियन मीडिया के अनुसार, ब्रिटिश सेना की स्पेशल एयर सर्विस (SAS) ने गुरिल्ला युद्ध में महारत हासिल रखने वाले अपने 2 ग्रुपों को यूक्रेन के लवीव क्षेत्र में भेजा है. SAS के कमांडो यूक्रेन में अपना बेस बनाकर रूस के खिलाफ आक्रामक कार्रवाइयों में लगे हुए हैं. 

खुफिया मिशन को अंजाम देने में होते हैं माहिर

रूस की न्यूज एजेंसी के मुताबिक ब्रिटेन की SAS सर्विस को दुनिया के देशों में विद्रोह भड़काने, मास प्रोटेस्ट रैलियां करवाने, राजनेताओं की कांट्रेक्ट किलिंग करवाने, एजेंट रिक्रूट करने और आतंकी हमले करवाने में महारत हासिल है. एजेंसी के मुताबिक यह कोई सामान्य फोर्स नहीं है बल्कि हरेक ग्रुप में इंटेलेक्चुअल और आइडियोलॉजिस्ट शामिल होते हैं, जो विभिन्न हथियारों की ट्रेनिंग लिए होते हैं. लड़ाई के मोर्चे पर इसके कमांडोज मेडिकल वॉलंटियर्स बनकर काम करते रहते हैं.

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