Breaking News
Cooking Oil Price Reduce : मूंगफली तेल हुआ सस्ता, सोया तेल की कीमतों मे आई 20-25 रुपये तक की भारी गिरावट PM Kisan Yojana : सरकार किसानों के खाते में भेज रही 15 लाख रुपये, फटाफट आप भी उठाएं लाभ Youtube से पैसे कमाने हुए मुश्किल : Youtuber बनने की सोच रहे हैं तो अभी जान लें ये काम की बात वरना बाद में पड़ सकता है पछताना गूगल का बड़ा एक्शन, हटाए 1.2 करोड़ अकाउंट, फर्जी विज्ञापन दिखाने वाले इन लोगो पर गिरी गाज Business Ideas : फूलों का बिजनेस कर गरीब किसान कमा सकते है लाखों रुपए, जानें तरीका
Thursday, 10 October 2024

World

चंद्रमा से लाई धूल और तिलचट्टों पर NASA ने अपना दावा करते हुए नीलामी पर रोक लगाई

24 June 2022 11:54 PM Mega Daily News
चंद्रमा,तिलचट्टों,अधिकार,अभियान,दौरान,नेशनल,एयरोनॉटिक्स,स्पेस,एडमिनिस्ट्रेशन,nasa,नीलामी,बिक्री,लगाने,खिलाई,बिकने,claims,dust,cockroaches,brought,moon,auction

नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने चंद्रमा से लाई धूल और तिलचट्टों पर अपना दावा करते हुए कहा है कि किसी अन्य को इनकी नीलामी करने का कोई अधिकार नहीं है. नासा के इस दावे के बाद फिलहाल इन सामानों की बिक्री रुक गई है.

नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने चंद्रमा से लाई धूल और तिलचट्टों पर अपना दावा करते हुए कहा है कि किसी अन्य को इनकी नीलामी करने का कोई अधिकार नहीं है. नासा ने बोस्टन स्थित ‘आरआर ऑक्शन’  से ‘1969 अपोलो 11’ अभियान के दौरान एकत्र की गई चंद्रमा की उस धूल की बिक्री पर रोक लगाने को कहा है, जो यह पता करने के लिए कुछ तिलचट्टों को खिलाई गई थी कि क्या चंद्रमा की चट्टानों में स्थलीय जीवन के लिए खतरा बनने वाला किसी प्रकार का पैथोजन होता है या नहीं.

4 लाख डॉलर से ऊपर में बिकने की थी संभावना 

नासा के एक वकील ने नीलामीकर्ता को लिखे एक पत्र में कहा है कि, इस धूल और तिलचट्टों पर अब भी संघीय सरकार का अधिकार है. ‘आरआर’ ने कहा कि, चंद्रमा की करीब 40 मिलीग्राम धूल और तिलचट्टों के तीन कंकाल समेत प्रयोग में इस्तेमाल की गई सामग्री कम से कम चार लाख डॉलर में बिकने की संभावना थी, लेकिन अब उसे नीलाम की जाने वाली वस्तुओं की सूची से हटा दिया गया है.

‘अपोलो 11’ अभियान के दौरान चंद्रमा से लाई गई थी मिट्टी

बता दें कि ‘अपोलो 11’ अभियान के दौरान चंद्रमा से 21.3 किलोग्राम से अधिक चंद्र चट्टान को पृथ्वी पर लाया गया था और इसे यह पता लगाने के लिए कीड़ों, मछलियों एवं कुछ अन्य जीवों को खिलाया गया था कि इससे उनकी मौत तो नहीं होती. जिन तिलचट्टों को चंद्रमा की धूल खिलाई गई थी, उन्हें मिनेसोटा विश्वविद्यालय लाया गया था, जहां कीट वैज्ञानिक मैरियन ब्रूक्स ने उनका अध्ययन करने के बाद कहा था कि, ‘‘मुझे इनमें संक्रामक एजेंट मौजूद होने का कोई सबूत नहीं मिला है.’’

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News