दुनिया में कई सारे जुर्म हुए, जिनके वारदात को अंजाम देने के तरीकों ने सभी को हैरान कर दिया। अपराध की इसी सूची में एक नाम पाकिस्तान के जावेद इकबाल का भी है, जिसने खुद 1999 में एक चिट्ठी के जरिए कबूल किया था कि उसने करीब 100 बच्चों की हत्याएं की हैं। इतना ही नहीं जावेद ने यह भी बताया था कि उसने इन बच्चों के शरीर के कई टुकड़े किए और फिर एसिड में गला दिए।
पाकिस्तान के लाहौर में जन्में जावेद इकबाल को देश के सबसे दुर्दांत सीरियल किलर में से एक माना जाता था। इकबाल के कारनामों से पूरी दुनिया हैरान थी। इकबाल ने पुलिस के सामने यह कहा था कि उसे कई साल पहले एक झूठे रेप केस में फंसाया गया था। इस कारण उसकी मां को बड़े दुःख झेलने पड़े लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। जब वह घर लौटकर आया तो उसकी मां मर चुकी थी।
तभी जावेद इकबाल ने कसम खाई थी कि वह समाज की कई माओं को रुलाएगा, ताकि मेरी मां का दर्द समझ आ सके। दरअसल, साल 1999 में एक उर्दू अखबार के संपादक और पुलिस के पास एक चिट्ठी आई जिसमें लिखा था कि मैंने 100 बच्चों से पहले उनका रेप किया और फिर उनकी लाश को ढेर सारे तेजाब में गला दिया। साथ ही एक डिब्बे में बंद कुछ तस्वीरें थी, जिनकी उसने हत्या की थी।
इन चिट्ठियों के छह महीनें बाद ही जावेद इकबाल ने साल 1999 में पाकिस्तानी अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अपने कबूलनामे में उसने बताया कि उनके निशाने पर अधिकतर सड़क पर घूमने वाले और उसके पड़ोस में रहने वाले बच्चे थे। जावेद इन बच्चों को बहला-फुसलाकर घर बुलाता और फिर उनके साथ कुकर्म करता। फिर उन्हें मारकर, शवों के टुकड़े एसिड में गला देता था।
जावेद इकबाल ने उन सभी बच्चों का नाम, उम्र और तस्वीरों के रूप में रिकॉर्ड रखा, जिन्हें उसने मारा था। साल 2000 की शुरुआत में उसे सजा सुनाई कि उसे वैसे ही मौत दी जाए, जैसे उसने बच्चों को दी थी। लेकिन विवादित फैसला माने जाने के बाद उसे मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि, वह इस सजा को कभी पूरा नहीं कर पाया और 2001 में उसने लाहौर की जेल में आत्महत्या कर ली थी।