रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को 2 महीने हो चुके हैं. इसके बावजूद अब तक कोई नतीजा सामने नहीं आया है. इसी बीच रूस और पश्चिमी देशों के बीच राजनयिक शह-मात का खेल जारी है.
रूस के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को मॉस्को में तैनात जर्मनी के राजदूत Geza Andreas von Geyr को तलब किया. मंत्रालय ने राजदूत से इस बात पर आपत्ति जताई कि जर्मनी ने बिना किसी वजह रूस के 40 राजनयिकों को जर्मनी से निकाल दिया. रूस ने इस घटना को राजनयिक शिष्टाचार के खिलाफ बताया.
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि जर्मनी का यह कदम स्वीकार करने लायक नहीं है. इसके बाद रूसी अफसरों ने जर्मनी के राजदूत को बताया कि मॉस्को में तैनात 40 जर्मन राजनयिकों का डिप्लोमेटिक दर्जा खत्म कर दिया गया है. साथ ही उन्हें जल्द से जल्द देश छोड़ देने का आदेश दिया गया है.
बताते चलें कि पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के फेवर में रूस के खिलाफ कई आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं. इसके बावजूद रूस का स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन लगातार जारी है और यूक्रेन के विभिन्न शहरों पर ताबड़तोड़ बमबारी की जा रही है. रूस का कहना है कि नाटो गठबंधन का यूक्रेन में प्रसार रोकने के लिए वह आखिरी हद तक जाने को तैयार है और अपनी सीमाओं पर कोई खतरा नहीं बढ़ने देगा.