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कोरोना से बेहाल चीन खो सकता हैं 'फैक्ट्री ऑफ वर्ल्ड' का ताज, भारत के हाथ लग सकता है ये अवसर
Mega Daily News December 27, 2022 12:54 AM IST

कोरोना महामारी की मार झेल रहा चीन हर तरफ से नुकसान झेलता नजर आ रहा है. चीन के कारखानों में मजदूरों की भारी कमी की कई रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं. चीन में कम सैलरी में जोखिम भरा काम करने से मजदूर कतरा रहे हैं. इसका सीधा असर चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. यहां बात हो रही है चीन के 'फैक्ट्री ऑफ वर्ल्ड' के ताज के बारे में. यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब चीन अपने इस ताज को खो दे.

कोरोना की बार-बार मार झेल रहे चीन के कारखानों में मजदूरों की कमी के कारण प्रोडक्शन का ग्राफ बेहद नीचे आ चुका है. चीन में मजदूर कोरोना से खौफ में तो हैं ही साथ ही वहां सैलरी का भी मसला बड़ा है. हमेशा शिकायत आती रही है कि चीन की फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों को कम सैलरी दी जाती है. यह भी एक बड़ी वजह है जो चीन में मजदूरों की संख्या को कम कर रही है.

चीन के मौजूदा हालात को देखते हुए भारत को बड़ा मौका मिलने के अवसर साफ दिखाई दे रहे हैं. समय आ गया है जब भारत वर्ल्ड फैक्ट्री बनने के बारे में सोच सकता है. भारत अगर अच्छी सैलरी वाली नौकरियों का अवसर बढ़ाए तो देश को बड़ा फायदा हो सकता है, खासकर मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में.

ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क की बैठक के दौरान भी यह चर्चा हुई थी. इसमें जोर देकर कहा गया था कि मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में दुनिया के तमाम देशों को चीन से इतर विकल्प तलाशना चाहिए. इसमें अमेरिका ने खास दिलचस्पी भी दिखाई दी है. अमेरिका ने चीन को छोड़कर दूसरे देशों में निवेश करने की बात भी कही है.

ऐसे में भारत के पास चीन से फैक्ट्री ऑफ वर्ल्ड का ताज छिनने का बड़ा मौका है. आंकड़ों पर गौर करें तो भारत में कम दर पर बड़ी लेबरफोर्स पहले ही मौजूद है. भारत अगर मैन्युफैक्चिरिंग हब के तौर पर अपनी पहचान बनाता है तो यहां दुनिया के कई देशों की कंपनियां फैक्ट्रियां स्थापित कर सकती हैं. इस स्थिति में देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार भी आएगा

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