नेपाल और श्रीलंका की तरह अब चीन की निगाह भारत के एक और पड़ोसी देश बांग्लादेश पर है. भले ही भारत-बांग्लादेश के संबंध बेहद मजबूत क्यों न हो लेकिन जिस तरह से पिछले कुछ वर्षों में चीन बांग्लादेश के साथ सहयोग बढ़ा रहा है, उससे चीन के इरादों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. चीन बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है और साथ ही बांग्लादेश चीन से हथियारों, टैंक, मिसाइल सिस्टम और जंगी जहाजों की खरीद में लगा हुआ है.
बांग्लादेश ने चीन खरीदे बड़ी मात्रा में हथियार
एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ सालों में चीन ने बांग्लादेश को फाइटर एयरक्राफ्ट से लेकर डीजल इलेक्ट्रिक सबमैरीन, पेट्रोल क्राफ्ट, K-8W एयरक्राफ्ट, FM-90 मिसाइल सिस्टम, बैटल टैंक और जंगी जहाज बेचे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक डिफेन्स सेक्टर के साथ-साथ चीन ने बांग्लादेश के इंफ्रास्ट्रचर क्षेत्र में भी काफी निवेश किया है.
चीन बांग्लादेश को हथियारों की सप्लाई करने वाला सबसे बड़ा देश बन चुका है. हथियारों की इस साल ऐसे ही एक बड़ी डील के तहत बांग्लादेश चीन से 36 मल्टी रोल एयरक्राफ्ट खरीद रहा है. F-7 BGI जिस फाइटर जेल की सप्लाई चीन बांग्लादेश को करने जा रहा है वो F7 सीरीज को सबसे लेटेस्ट फाइटर एयरक्राफ्ट है.
इसी तरह चीन ने पिछले कुछ सालों में 2 मिंग क्लास टाइप 035B डीजल इलेक्ट्रिक सबमैरीन (Ming Class Type 035 B Diesel Electric Submarines) , पेट्रोल क्राफ्ट (Durjoy Class Patrol Craft K-8W Aircraft) , मिसाइल सिस्टम (FM-90 Missile System), बैटल टैंक (MBT-200 Battle Tanks), टाइप 59 जी (Type -59G Battle Tanks) , टाइप 69 बैटल टैंक (Type 69 Battle Tanks) और Jianwei-11 class frigates की खरीद की है.
भले ही चीन बांग्लादेश को हथियारों की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश क्यों न बन गया हो लेकिन कई सप्लाई किए जा रहे हथियारों और उनके खराब पार्ट्स की वजह से बांग्लादेश की डिफेंस फोर्सज में इसे लेकर चिंता बढ़ रही है. खराब किस्म के चीनी हथियारों की सप्लाई पाकिस्तान के लिए काफी परेशानी की वजह बनती जा रही है.
इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में चीन कर रहा बांग्लादेश में बड़ा निवेश
देखा जाए तो सिर्फ सैन्य क्षेत्र ही नहीं बल्कि चीनी कंपनियां बांग्लादेश के इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में निवेश कर रही हैं. चीन बांग्लादेश में रेल, रोड, हाईवे, पावर, शिपिंग और एग्रीकल्चर के क्षेत्र में काफी निवेश कर रहा है. चीन की एक्जिम बैंक (Exim Bank) बांग्लादेश को 7.64 बिलियन डॉलर का लोन दे रही हैं. साथ ही बंग्लादेश के 27 प्रोजेक्ट्स के लिए चीन की तरफ से 20 बिलियन डॉलर की मदद दी जा रही है.
चीन बांग्लादेश में बन रहे 8 ‘China-Bangladesh Friendship Bridge’ के लिए लोन मुहैया करा रहा है. ठीक इसी तरह ‘Construction of Dhaka-Ashulia Elevated Expressway Project’ के लिए भी चीन 1393.93 मिलियन डॉलर का लोन बांग्लादेश को दे रहा है.
बांग्लादेश सरकार के साथ मजबूत किए चीन ने संबंध
चीन बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को लगातार मजबूत करने में लगा हुआ है. ऐसा माना जाता है कि साल 1980 में बांग्लादेश के राष्ट्रपति जियाउर रहमान की चीन की यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों की एक नई शुरुआत हुई. यही नहीं दोनों देशों ने साल 2000 में अपने डिप्लोमेटिक रिलेशन के 25 साल पूरा होने पोस्टल स्टाम्प जारी किये थे.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने पर प्राथमिकता दी और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के द्विपक्षीय समझौतों पर करार किए. एक बार फिर से साल 2016 में दोनों देशों ने अपने संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करते हुए स्ट्रैटेजिक को-ऑपरेटिव पार्टनरशिप (Strategic Cooperative Partnership) में तब्दील कर दिया. साल 2019 में शेख हसीना ने चीन की यात्रा पर गईं जहां दोनों देशों के बीच 7 अलग अलग द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.
चीन-बांग्लादेश व्यापार में बढ़ोतरी
साल 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन और बांग्लादेश के बीच हो रहे व्यापार में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साल 20-21 के आंकड़ों पर नज़र डालें तो जहां बांग्लादेश ने चीन से 13263.02 मिलियन डॉलर का सामान आयात किया है. वहीं बांग्लादेश से चीन को सिर्फ 701.42 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया गया है. दोनों देशों के बीच 10 बिलियन डॉलर का ट्रेड गैप है. यही नहीं अमेरिका के बाद चीन बांग्लादेश में Foreign Direct Investment (FDI) सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है.
जानकारों के मुताबिक जिस तरह से चीन बांग्लादेश को लोन मुहैया करा रहा है और चीन की कंपनियां जिस तरह से बांग्लादेश में निवेश कर रही हैं उससे ये आशंका बढ़ती जा रही है कि क्या आने वाले दिनों में बांग्लादेश चीन के कर्ज के जाल में न फंस कर रह जाए.
देखा जाए तो पिछले कुछ सालों में अफ्रीका, श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देश चीन की Debt Trap ( कर्ज के जाल) में फंस चुके हैं. सुरक्षा जानकारों के मुताबिक चीन बांग्लादेश में अपना प्रभाव बढ़ा कर भविष्य में भारत की सुरक्षा चिंता बढ़ा सकता है.