रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने शुक्रवार (24 फरवरी) को यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के एक साल पूरा होने से पहले मंगलवार को देश को संबोधित किया. इस दौरान पुतिन ने पश्चिमी देशों की आलोचना की और युद्ध भड़काने का आरोप लगाया. राजधानी मॉस्को के गोस्टिवनी डावर हॉल में अपने भाषण के दौरान पुतिन ने भारत का भी जिक्र किया और एक अहम ऐलान किया. पुतिन ने कहा कि रूस आगे भी भारत के साथ अपने सहयोग और व्यापार को बढ़ाना जारी रखेगा.
रूस विकसित कर रहा नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा कि रूस व्यपार को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर (INSTC) विकसित कर रहा है, जिससे भारत के अलावा ईरान और पाकिस्तान के साथ-साथ पश्चिम एशियाई देशों के साथ व्यापार सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे. पुतिन ने यह भी कहा कि रूस आशाजनक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों का विस्तार करेगा. इसके साथ ही पुतिन ने कहा कि रूस नए आपूर्ति कॉरिडोर का निर्माण करेगा, क्योंकि अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने यूक्रेन युद्ध के लिए रूस के खिलाफ कठोर प्रतिबंध लगाए हैं.
'कॉरिडोर से व्यापार सहयोग के नए मार्ग खुलेंगे'
‘फेडरल एसेंबली’ में राष्ट्र के नाम एक घंटे 45 मिनट के संबोधन में व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा, 'हम काला सागर और अजोव सागर के बंदरगाहों को विकसित करेंगे. हम इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर (INSTC) पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करेंगे.' पुतिन ने कहा कि यह कॉरिडोर भारत के अलावा ईरान, पाकिस्तान के साथ-साथ पश्चिम एशियाई देशों के साथ व्यापार सहयोग के नए मार्ग खोलेगा.
पुतिन ने चीन को लेकर भी किया बड़ा ऐलान
व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा, 'राष्ट्र, क्षेत्रों और स्थानीय व्यवसायों को किन क्षेत्रों में अपनी साझेदारी के काम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए? सबसे पहले, हम आशाजनक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों का विस्तार करेंगे.' उन्होंने आगे कहा, 'मास्को-कजान राजमार्ग को येकातेरिनबर्ग, चेल्याबिंस्क और टूमेन तक और भविष्य में इरकुत्स्क और व्लादिवोस्तोक तक तथा संभवतः कजाकिस्तान, मंगोलिया और चीन तक विस्तारित करने का निर्णय लिया जा चुका है, जो विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया के बाजार के साथ रूस के आर्थिक संबंधों का विस्तार करेगा.'
क्या है इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर?
इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर (INSTC) भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी परिवहन परियोजना है. आईएनएसटीसी रूस और यूरोप तक पहुंचने और मध्य एशियाई बाजारों में प्रवेश करने के लिए माल के आयात-निर्यात में लगने वाले समय को कम करने की भारत की दृष्टि और पहल है.
अक्टूबर 2021 में आर्मेनिया में येरेवन की यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने प्रस्ताव दिया कि ईरान में रणनीतिक चाबहार बंदरगाह को उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे में शामिल किया जाए, जिसमें संपर्क बाधाओं को पाटने की क्षमता है. ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में चाबहार बंदरगाह भारत के पश्चिमी तट से आसानी से पहुंचा जा सकता है. चाबहार को लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के मुकाबले के रूप में देखा जा रहा है.