Breaking News
युवती ने शादी के वक्त पति से छुपाई ऐसी बात, पता चलते ही पैरों तले खिसकी जमीन, परिवार सदमे में Best Recharge Plans : Jio ने 84 दिन वाले प्लान से BSNL और Airtel के होश उड़ा दिए, करोड़ों यूजर्स की हो गई मौज Cooking Oil Price Reduce : मूंगफली तेल हुआ सस्ता, सोया तेल की कीमतों मे आई 20-25 रुपये तक की भारी गिरावट PM Kisan Yojana : सरकार किसानों के खाते में भेज रही 15 लाख रुपये, फटाफट आप भी उठाएं लाभ Youtube से पैसे कमाने हुए मुश्किल : Youtuber बनने की सोच रहे हैं तो अभी जान लें ये काम की बात वरना बाद में पड़ सकता है पछताना
Thursday, 06 February 2025

World

चीन ने अपने जासूसी जहाज की श्रीलंका में एंट्री के बाद बगैर नाम लिए भारत पर साधा निशाना

27 August 2022 01:23 AM Mega Daily News
श्रीलंका,सुरक्षा,चिंताओं,अगस्त,हंबनटोटा,पोर्ट,राजदूत,श्रीलंकाई,संप्रभुता,स्वतंत्रता,लेकिन,दिल्ली,समर्थन,बाहरी,आपत्ति,,entry,spy,ship,sri,lanka,china,targeted,india,without,naming

चीन ने शुक्रवार को कहा कि बिना किसी सबूत के सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर बाहरी दबाव श्रीलंका की संप्रभुता और स्वतंत्रता में पूरी तरह दखल है. चीन के बैलिस्टिक मिसाइल और सैटेलाइट सर्विलांस शिप ‘युआन वांग 5’ के हंबनटोटा पोर्ट पर एंकर डालने को लेकर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था जिसके बाद श्रीलंका ने चीनी जहाज की एंट्री टाल दी थी. भारत की आपत्ति की ओर इशारा करते हुए श्रीलंका में चीन के राजदूत ने कहा कि चीन इस बात से खुश है कि मामला निपट गया है और बीजिंग-कोलंबो संयुक्त रूप से एक दूसरे की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा करते हैं.

श्रीलंका पर दबाव बनाने का आरोप

चीन के राजदूत की. झेनहोंग ने बयान में सीधे तौर पर भारत का नाम नहीं लिया है लेकिन कहा कि कुछ ताकतों की ओर से बिना सबूत के सुरक्षा चिंताओं पर आधारित बाहरी दबाव बनाना पूरी तरह से श्रीलंका की संप्रभुता में दखल है. भारत ने चीन के इन आरोपों को खारिज कर दिया था कि नई दिल्ली ने कोलंबो पर दबाव बनाया था कि चीन के जहाज को श्रीलंकाई पोर्ट हंबनटोटा नहीं आने दिया जाए, लेकिन भारत ने कहा था कि वह अपनी सुरक्षा चिंताओं के आधार पर फैसले लेगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 12 अगस्त को नई दिल्ली में कहा था, ‘हम बयान में भारत के बारे में आरोपों को खारिज करते हैं. श्रीलंका एक संप्रभु देश है और अपने स्वतंत्र फैसले लेता है.’ बागची ने कहा कि जहां तक भारत-श्रीलंका संबंधों का सवाल है, आपको मालूम है कि हमारी नेबरहुड फ‌र्स्ट पॉलिसी के सेंटर में श्रीलंका है. चीन के जासूसी जहाज को 11 अगस्त को हंबनटोटा पर पहुंचना था लेकिन भारत की सुरक्षा चिंताओं के बाद श्रीलंकाई अधिकारियों की इजाजत नहीं मिलने के कारण इसके पहुंचने में देरी हुई. चीनी जहाज 16 अगस्त को हंबनटोटा पहुंचा था और ईंधन भरने के लिए वहां खड़ा रहा.

भारत ने जताई थी आपत्ति

श्रीलंका ने जहाज को 16 अगस्त से 22 अगस्त तक पोर्ट पर रहने की इजाजत इस शर्त के साथ दी थी कि वह श्रीलंका के स्पेशल इकोनॉमिक जोन में ऑटोमेटिक डिटेक्शन सिस्टम चालू रखेगा और श्रीलंकाई जलक्षेत्र में कोई वैज्ञानिक रिसर्च नहीं किया जाएगा. नई दिल्ली में इस बात की आशंका जताई गयी थी कि चीन के जहाज की निगरानी प्रणाली श्रीलंकाई पोर्ट जाने के रास्ते में भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी की कोशिश कर सकती है. 

इस विवाद पर चीनी राजदूत ने कहा कि घटना का सही तरीके से समाधान हो गया है जिससे न केवल श्रीलंका की संप्रभुता और स्वतंत्रता का संरक्षण हुआ बल्कि एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय की रक्षा हुई है. राजदूत ने कहा कि चीन और श्रीलंका के बीच कूटनीतिक संबंध 65 साल पहले स्थापित हुए थे और तब से दोनों अहम हितों और प्रमुख चिंताओं के मुद्दे पर परस्पर एक दूसरे को समझ रहे हैं, उनका सम्मान कर रहे हैं और समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि श्रीलंका उन 170 से ज्यादा देशों में शामिल है जिन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताईवान यात्रा को लेकर ‘एक चीन’ की पॉलिसी का पुरजोर समर्थन किया है. साथ ही कहा कि चीन ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर श्रीलंका का समर्थन किया है और करता रहेगा.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News