इंग्लैड के वेल्स में एक परिवार बीच चौराहे में पिछले 60 सालों से रहने को मजबूर है. ऐसा नहीं है कि इस फैमिली ने सरकारी जमीन पर कब्जा या बेघर होने की मजबूरी में यहां डेरा डाला हो, दरअसल यहां रह रहे लोग किसी झुग्गी में नहीं बल्कि एक शानदार और आलीशान घर में में रहते हैं जो उनकी निजी प्रॉपर्टी है. और अपने घर से इन्हें इतना लगाव है कि जान को खतरा होने के बावजूद वो इस घर को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है.
चौराहे पर रहने की मजबूरी
यूके की न्यूज़ वेबसाइट 'डेली मेल' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, वेल्स के डेनबिगशायर (Denbighshire) में एक परिवार चौराहे के बीचोंबीच (Family living on roundabout) रहता है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनका बड़ा सा घर बीच चौराहे की जमीन पर बना हुआ है. ऐसे नजारे कम ही देखने को मिलते हैं इसलिए उनका घर वहां के आम लोगों के बीच काफी फेमस है. ये फैमिली इस घर में कई दशकों से रह रहा है.
हमे यहां से बाहर निकालने का बस एक तरीका: डेविड जॉन
इस घर के मालिक डेविड जॉन और उनकी पत्नी एरिआन का कहना है कि वो चाहे कुछ भी हो जाए इस घर को खाली नहीं करेंगे. उनके मुताबिक जब साल 1960 में उनके परिजन यहां आए तब ये इलाका निर्जन था. जहां ग्रामीण इलाकों की तरह दूर-दूर तक कोई आबादी नहीं होती थी. चारों ओर हरे-भरे मैदानों के अलावा यहां इक्का-दुक्का घर थे. उनका भी मकान यहां बना और वो इस इलाके के मॉर्डनाइजेशन होने से पहले करीब 20 साल तक बड़े आराम से जिंदगी गुजार रहे थे. अचानक एक दिन प्रशासन का नोटिस आया जिसमें ये कहा गया कि उन्हें अपना घर खाली करना पड़ेगा. क्योंकि उनका घर ठीक उस जगह पर है जहां नया चौराहा बनना है. इस बात से दोनों नाराज हुए और काफी चर्चा के बाद वो इस बात पर अड़ गए कि वो घर नहीं छोड़ेंगे. अब डेविड का कहना है कि वो इस घर से केवल कॉफिन में बाहर निकलेंगे यानी मरने के बाद ही वो इस जगह को खाली करेंगे.
जिद या जान का जोखिम?
'डेली मेल' में इस फैमिली का इंटरव्यू छपने के बाद यूके में डेविड के मकान का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. डेविड दंपत्ति की इस जिद पर सोशल मीडिया पर लोग खुलकर अपनी बात रख रहे हैं. क्योंकि उनकी जिद के बाद स्थानीय प्रशासन ने उनके घर को चौराहे में बदल दिया. अब दशकों से उनका घर चौराहे की जगह बसा है जिसके चारों ओर से ट्रैफिर गुजरता है. वो इस जगह पर 40 सालों से रह रहे हैं. रोड पर दिनभर काफी ट्रैफिक रहता है जिसके शोर से उन्हें परेशानी होती है. वहीं कहीं बाहर जाना होता है तो हादसे का खतरा टालने के लिए बड़ा ध्यान रखना पड़ता है.