पिछले दो सालों से भी अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आज तक पूरी तरह से लोगों का कोरोनावायरस से पीछा नहीं छूट पा रहा है. अब तक करोड़ों लोग पूरी दुनिया में कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और लाखों लोगों ने अपनी जान गवाई है. हालांकि, पिछले कुछ महीनों से देश में कोरोना के मामलों में काफी गिरावट दर्ज हुई है. संक्रमण दर, हॉस्पिटल में भर्ती होने और मृत्यु दर में भारी कमी आने से राज्य सरकारों ने भी अधिकतर चीजों से कोविड प्रतिबंध हटा दिया है. स्कूल, कॉलेज, ऑफिसेज भी अब धीरे-धीरे खुलने लगे हैं. लोगों को लगने लगा है कि अब कोरोना जा चुका है. लेकिन, हाल ही में कोरोना के नए एक्सई वेरिएंट (XE Variant) से एक बार फिर से लोगों को अलर्ट कर दिया है. कोरोना के इस नए वेरिएंट से कुल दो लोग महाराष्ट्र और गुजरात में संक्रमित पाए गए हैं, जिससे चिंताएं बढ़ने लगी हैं. क्या है एक्सई वेरिएंट, ओमिक्रोन से कितना खतरनाक है XE वेरिएंट और इसके लक्षण क्या होते हैं, हमने जाना फोर्टिस हीरानंदानी हॉस्पिटल, (वाशी, मुंबई) की डायरेक्टर-इंटरनल मेडिसिन डॉ. फरहा इंगले से.
कोरोनावायरस का नया XE वेरिएंट अधिक खतरनाक नहीं है. यह ओमिक्रोन वेरिएंट का ही सब-वेरिएंट है. ओमिक्रोन के वेरिएंट बीए.1 और बीए.2 का रीकॉम्बिनेंट वेरिएंट है. अभी तक महाराष्ट्र में 1 और गुजरात में 1 मामला सामने आया है. ये दोनों ही केस गंभीर नहीं हैं. इससे कह सकते हैं कि यह नया वेरिएंट बहुत अधिक खतरनाक नहीं है, ये ओमिक्रोन की ही तरह माइल्ड वेरिएंट है.
चूंकि, एक्सई वेरिएंट ओमिक्रोन का ही सब-वेरिएंट है, इसलिए इसके लक्षण भी ओमिक्रोन वेरिएंट के लक्षणों से बहुत मिलते-जुलते हैं. काफी माइल्ड हैं एक्सई वेरिएंट के लक्षण, ऐसे में लोगों को बहुत अधिक डरने, घबराने की जरूरत नहीं है. इसमें हल्का बुखार होना, शरीर में दर्द होना, थकान महसूस करना, सिरदर्द, दिल की धड़कन तेज होना आदि लक्षण नजर आ सकते हैं.
कुछ महीने पहले ही ओमिक्रोन के तेजी से फैलने से लोग काफी डर गए थे, लेकिन ये अधिक खतरनाक साबित नहीं हुआ था और ना ही इस वेरिएंट ने गंभीर रूप से लोगों को संक्रमित किया था. देश में अधिकतर लोगों ने कोरोना का टीका लगवा लिया है. जिन्हें ओमिक्रोन हुआ था, उनमें तो इसके खिलाफ इम्यूनिटी भी है. ऐसे में XE वेरिएंट अधिक खतरनाक नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि अभी पूरी दुनिया में इसका प्रसार नहीं हुआ है. वैसे, ये वेरिएंट तीन महीने से है, लेकिन केसेज नहीं बढ़े हैं. ओमिक्रोन से जितने लोग संक्रमित हुए थे, उनमें से अधिकतर घर पर ही ठीक हुए थे. कितने लोगों ने तो कोविड टेस्ट भी नहीं करवाया था. ऐसे में कोरोना के इस एक्सई वेरिएंट से फिलहाल अधिक घबराने की जरूरत नहीं है.
इतनी बार कोरोनावायरस का म्यूटेंशन हो चुका है कि अभी कुछ भी बोलना बहुत मुश्किल है कि देश में चौथी लहर आएगी या नहीं. हो सकता है कि कोई म्यूटेशन गंभीर साबित हो जाए, जैसे डेल्टा वेरिएंट में हुआ था. लेकिन, फिर ओमिक्रोन बहुत माइल्ड था. ऐसे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. कुछ वैक्सीन भी कई तरह के वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी साबित नहीं होते हैं. वायरस तीन से छह महीने तो शांत रहता है और फिर वापस आ सकता है. अभी ये महामारी और डेढ़ से दो साल चल सकती है, ऐसे में अभी बोल नहीं सकते कि चौथी लहर कब आएगी.
एक्सई वेरिएंट ओमिक्रोन से 10 प्रतिशत ज्यादा तेजी से प्रसारित होता है, लेकिन ये बहुत अधिक गंभीर नहीं है.
राज्य सरकारों ने हर चीज से प्रतिबंध हटा दिया है. लोग भी अब बेखौफ होकर बिना मास्क के घूमने लगे हैं. ऐसा लग रहा है कि पूरी तरह से कोरोना खत्म हो गया है. लोगों को अभी भी पूरी सावधानी बरतनी चाहिए. घर से बाहर मास्क लगाएं. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें. हाथों को अच्छी तरह से साफ रखें. सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.