आपके इलाज में डॉक्टर के साथ-साथ इंजीनियर (Engineer) की भी बड़ी अहमियत होती है. वर्ल्ड टेक्नोलॉजी डे (World Technology Day) पर मेडिकल साइंस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की महत्वपूर्ण भूमिका है.
आपको एक ऐसे डायग्नोस्टिक सेंटर (Diagnostic Center) में ले चलते हैं जहां आपके एक्स रे और सीटी स्कैन को डॉक्टर के साथ-साथ कंप्यूटर भी पढ़ता है. ऐसा एनालिसिस भारत (India) में एकाध सेंटर में ही मौजूद है. दुनिया के कुछ विकसित देश ऐसी एआई तकनीक को इस्तेमाल करते हैं. कंप्यूटर (Computer) आपकी बीमारी का विश्लेषण करता है और उस हिस्से को हाइलाइट कर देता है जहां बीमारी फैली है.
अगर बीमारी (Disease) गंभीर है तो कंप्यूटर सभी टेस्ट में से उस व्यक्ति के टेस्ट को सबसे ऊपर ले आता है जिसे तुरंत देखे जाने की जरूरत है. लेकिन यहीं डॉक्टर (Doctor) की भूमिका अहम हो जाती है. कई रिजल्ट ऐसे होते हैं जिसमें सॉफ्टवेयर का विश्लेषण (Software Analysis) और डॉक्टर की सोच एक नहीं होती. इसे कहते हैं वैलिडेशन यानी सिस्टम ने बताया कि बीमारी है लेकिन डॉक्टर के मुताबिक बीमारी नहीं है.
लिहाजा डॉक्टर्स मानते हैं कि टेक्नोलॉजी इलाज (Treatment) की स्पीड बढ़ा सकती है और डेटा का एनालिसिस दे सकती है. टेक्नोलॉजी डॉक्टर का जीवन आसान बना सकती है लेकिन पूरी तरह से एआई (AI) पर निर्भर हो पाने में कई साल लगेंगे. अभी उस वक्त के आने में काफी समय है जब डॉक्टर्स यकीन से कह सकेंगे कि अब उनकी जरूरत नहीं है.