साल 2022 कुछ दिनों में खत्म होने वाला है. इस साल में कई कर्मचारियों को सैलरी बढ़ने की खुशी मिली तो कईयों को नौकरी जाने का तगड़ा झटका लगा है. अंतरराष्ट्रीय लेवल पर चल रहे उठा-पटक के बीच घरेलु बाजार भी सुस्त चल रहा है. ऐसे में कई निजी कंपनियों ने कर्मचारियों की छंटनी कर दी है. साल 2022 में बड़ी तादाद में स्टार्टअप्स ने हजारों की संख्या में अपने एम्प्लोई को बाहर निकाला है. रिपोर्ट की मानें तो इस साल भारत में नए स्टार्टअप्स (Startups) ने 18,000 लोगों को नौकरी से निकाला है.
52 स्टार्टअप कंपनियों से छंटनी
एक्जीक्यूटिव सर्च फर्म लॉन्गहाउस कंसल्टिंग ने ताजा आंकड़ा जारी किया है. इसके अनुसार, इस साल स्टार्टअप्स ने आर्थिक चुनौतियों के बीच लगभग 18,000 लोगों को नौकरी से निकाला है. कोरोना काल के बाद यह स्टार्टअप पूरे साल आर्थिक तंगी में रहे और इसका नुकसान कर्मचारियों को उठाना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश में चल रहे 52 स्टार्टअप्स ने कर्मचारियों को बाहर का रस्ता दिखाया है. दरअसल, ये स्टार्टअप्स कॉस्ट कटिंग के लिए कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किये हैं. इनमें हेल्थ टेक, लॉजिस्टिक्स, फिनटेक, एंटरप्राइज टेक, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, एडटेक, कंज्यूमर सर्विसेज, ई-कॉमर्स, एग्री-टेक और क्लीनटेक जैसे सेक्टर्स शामिल हैं.
लॉन्गहाउस कंसल्टिंग के आंकड़ों को देखें तो इसके अनुसार, एडटेक के बाद कंज्यूमर सर्विस सेक्टर की 8 कंपनियों में 5,015 कर्मचारियों को, ई-कॉमर्स सेक्टर की 8 कंपनियों के 2,541 कर्मचारियों को, फिनटेक सेक्टर की 7 कंपनियों के 665 कर्मचारियों को, हेल्थटेक सेक्टर की 5 कंपनियों के 960 कर्मचारियों को बाहर किया गया है. यानी is बार बड़े लेवल पर कर्मचारियों की छंटनी हुई है.
इन कंपनियों ने दिया कर्मचारियों को झटका
अब बात करते हैं किन स्टार्टअप्स ने कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है. कुछ कंपनियों ने बड़ी तादाद में छंटनी की हैं, इनमें 44 फीसदी 15 एडटेक कंपनियों में हुई है. इन कंपनियों में 7,868 लोगों की छनती नही है. इनमें अनएकेडमी, वेदांतु, बायजू और बायजू के स्वामित्व वाली व्हाइटहैट जूनियर और टॉपर, इनवेट मेटावर्सिटी, येलो क्लास, प्रैक्टिकली, फ्रंटरो, लीडो, टीचमिंट, लीड, उदय, क्रेजो, फन और एरुडिटस शामिल हैं. इसके अलावा स्विगी, ओला, फ्लिपकार्ट समेत कई कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों की छंटनी की है.