महाराष्ट्र । आगामी चुनाव को देखते को एनसीपी प्रमुख शरद पवार नाराज ब्राह्मणों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी को लेकर शरद पवार ने शनिवार शाम को पुणे के निसर्ग मंगल कार्यालय में कुछ ब्राह्मण संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया है। माना जा रहा है कि पवार बैठक के दौरान नाराज ब्राह्मणों को मनाने की कोशिश करेंगे। एनसीपी चीफ शरद पवार पर यह भी आरोप लग रहे हैं कि वह और उनकी पार्टी ब्राह्मण विरोधी है। साथ ही महाराष्ट्र में ब्राह्मणों और बहुजन में दूरियां भी पैदा कर रही है। इससे पहले मनसे प्रमुख राज ठाकरे समेत कई नेता शरद पवार पर भी ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगा चुके हैं।
वहीं एनसीपी नेताओं का कहना है कि बैठक की पहल एक ब्राह्मण संगठन ने की। एनसीपी प्रवक्ता अंकुश काकड़े ने कहा, ‘संगठन हमारे पार्टी प्रमुख से मिलना चाहता था और कुछ मुद्दे उठाना चाहता था। हमारे पार्टी प्रमुख ने तब सुझाव दिया कि एक संगठन से मिलने के बजाय, वह पुणे के कई लोगों से मिलेंगे।’
एनसीपी नेताओं ने कहा कि ब्राह्मण समुदाय कुछ टिप्पणियों पर आपत्ति जता रहे हैं, इसलिए पार्टी ने उनकी शिकायतों को दूर करना उचित समझा। ‘पवार ने अपने पूरे जीवन में सभी समुदायों का समर्थन किया है। उन्होंने खुद कभी किसी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। उनके बचपन और कॉलेज के दिनों से ही उनके कई ब्राह्मण दोस्त रहे हैं। हालांकि, यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि पवार ने कुछ कार्यों और व्यक्तियों की टिप्पणियों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं, लेकिन समुदाय के खिलाफ कभी नहीं। उनकी सभी टिप्पणियां तथ्यों और सबूतों पर आधारित हैं। इसलिए पार्टी ने बैठक करने का फैसला किया है।’
उन्होंने कहा, ‘हम तब तक बैठकों या बातचीत का बहिष्कार करेंगे, जब तक कि पवार और राकांपा नेता अपना रास्ता नहीं बदल लेते। यह इस तरह जारी नहीं रह सकता। राकांपा विभिन्न समुदायों के बीच दरार पैदा करने और उसे चौड़ा करने की कोशिश कर रही है। बिना किसी तुक या कारण के जिस तरह से उसे निशाना बनाया जा रहा है, उससे ब्राह्मण समुदाय विशेष रूप से बुरी तरह आहत है।
ब्राह्मण महासंघ और परशुराम सेवा संघ जैसे प्रमुख ब्राह्मण संगठनों ने शनिवार की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है। ब्राह्मण महासंघ के प्रमुख आनंद दवे ने कहा, ‘जब भी एनसीपी के नेता ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहते हैं, तो एनसीपी प्रमुख उनके खिलाफ कभी कार्रवाई नहीं करती है। यहां तक कि उनसे माफी मांगने के लिए भी नहीं कहती है। उन्होंने कहा कि अगर वह हमारी बात नहीं सुनना चाहते हैं, तो हम उनसे क्यों मिलें।
उन्होंने कहा, ‘हम तब तक बैठकों या बातचीत का बहिष्कार करेंगे, जब तक कि पवार और राकांपा नेता अपना रास्ता नहीं बदल लेते। उन्होंने कहा कि बिना किसी कारण के ब्राह्मणों को निशाना बनाया जा रहा है। उससे ब्राह्मण समुदाय विशेष रूप से बुरी तरह आहत है।
बता दें, इसी हफ्ते शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था कि महाराष्ट्र में मॉनसून के बाद स्थानीय निकाय चुनाव करवाए जाएं। महाराष्ट्र में 20 महानगरपालिका, 25 जिला परिषद, 210 नगर पंचायत और लगभग 2100 ग्राम पंचायत के चुनाव होंगे। इन चुनाव को मिनी असेंबली के तौर पर देखा जाता है। इन सबको ध्यान में रखते हुए एनसीपी प्रमुख को लग रहा है कि ब्राह्मण विरोधी छवि की वजह से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।यही कारण है कि नाराज ब्राह्मणों को मनान के लिए पवार ने शनिवार शाम ( 21 मई, 2022 ) को बैठक बुलाई है। जिससे ब्राह्मणों को मनाया जा सके।