दिल्ली एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद शुक्रवार को सिविक सेंटर में जमकर हाथापाई हुई. बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच खूब लात-घूंसे चले. इस दौरान एक पार्षद बेहोश तक हो गया. सदन में हंगामे का यह तीसरा दिन है. जानकारी के मुताबिक, जिस वोट को मेयर अमान्य घोषित कर रही है उसमे कुछ इस तरह से नंबर लिखा है, जो एक डमी कॉपी के जरिए हम आपको बताने रहे हैं. दरअसल इस कॉपी में आप को 2,2,1 लिखा है जबकि एक नंबर दोबारा लिखना गलत है वो इनवैलिड माना जाएगा. इसी को आधार बनाकर मेयर वोट को अमान्य बता रही हैं. जबकि बीजेपी का कहना है कि 2 के आगे 2 गलती से लिख गया. इसी एक अमान्य वोट को लेकर सदन में हंगामा हुआ फिर मारपीट तोड़फोड़ और स्थिति ये हो गई कि मेयर और अधिकारियों को जान बचा कर भागना पड़ा.
बीजेपी ने किया हाईकोर्ट का रुख
बीजेपी पार्षद शरद कपूर ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और आरोप लगाया कि मेयर शैली ओबेरॉय ने बुधवार को एमसीडी स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान के दौरान मोबाइल फोन और पेन का उपयोग नहीं करने के नियमों का पालन नहीं किया. कपूर ने अपनी याचिका में कहा कि मेयर ने हर संवैधानिक और वैधानिक मानदंड का उल्लंघन किया और चुनाव की कार्यवाही में मोबाइल फोन और पेन की अनुमति देकर संविधान के जनादेश को धोखा दिया.
याचिकाकर्ता ने 22 फरवरी को होने वाले मतदान को अमान्य घोषित करने की भी मांग की है. जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव की एकल-न्यायाधीश पीठ ने मामले को 27 फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. कपूर ने कहा कि उन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर मेयर के कृत्य का विरोध किया था. स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कई गोपनीय मतपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
याचिका में कहा गया है कि घटनाओं के एक विचित्र मोड़ में, नव-नियुक्त महापौर ने संवैधानिक रूप से स्थापित मानदंडों और मर्यादाओं की खुलेआम अवहेलना करते हुए, चुनाव प्रक्रिया में हेरफेर करने और खराब करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से मतदान प्रक्रिया के दौरान पार्षदों को अपने मोबाइल फोन और पेन लाने की अनुमति दी.
घंटों ठप रही मतदान प्रक्रिया
बीजेपी के निर्वाचित सदस्यों की आपत्ति के बावजूद, जिसके कारण कई मौकों पर स्थगन हुआ और घंटों तक मतदान प्रक्रिया ठप रही, स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए चुनाव प्रक्रिया को महापौर द्वारा जारी रखने की अनुमति दी गई, जबकि सदस्यों को मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन और पेन ले जाने की अनुमति दी गई, जिसमें आम आदमी पार्टी से जुड़े कई सदस्यों ने मतपत्र की गोपनीयता के सिद्धांत को विफल करते हुए, पूरी चुनावी प्रक्रिया का घोर उल्लंघन करते हुए, अपने-अपने वोट डालने से पहले अपने वोट (बैलट पेपर) की तस्वीरें/स्नैपशॉट लिए.