जिस पर्व का महीनों से इंतजार रहता है, वह पर्व अब आ गया है. हर घर जलते दीये से रोशन हो उठा है. ऐसे में कई लोग इस बात पर भी सवाल उठाते हैं कि फालतू इतने दीये जला कर क्यों पैसा खर्च करना? आपको बता दें कि इन जलते दीये के पीछे वैज्ञानिक कारण होता है. जी हां, इसके अलावा दिवाली मनाने के पीछे कई महत्व होते हैं. जैसे राजनीजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और धार्मिक. दिवाली का दिन कार्य सिद्धि के लिए विशेष माना जाता है. मान्यता के मुताबिक, इस दिन वायुमंडल में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव ज्यादा होता है. पूरे ब्राह्मंड में दैविक ऊर्जा शक्ति व्याप्त रहती है. आइए जानते हैं दीपक जलाने के वैज्ञानिक महत्व के बारे में.
रसायन विज्ञान भी करता है इस बात की पुष्टि
रसायन विज्ञान के नामी प्रोफेसर के मुताबिक, सरसों के तेल में ऐसे तत्व होते हैं, जो वातावरण में मौजूद रसायनों से प्रतिक्रिया करके विषैले तत्वों, कीट-पतंगे, रोगाणु आदि को मारने में सहायक रहते हैं. दिवाली मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण ये भी हो सकता है. आपको बता दें कि रसायन विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है.
दीपक के जलने से साफ होती है हवा
दीपक जलने से वातावरण में नमी भी बढ़ती है. वहीं ज्यादा संख्या में दीपक जलाने से वातावरण का तापमान बढ़ जाता है. ठंड के समय में हवा भारी होती है. दीपक जलाने से वह हल्की और साफ हो जाती है.
घी का दीपक मारता है रोगाणुओं को
खैर आजकल देसी घी के दीपक लगाना आसान नहीं है. वो भी गाय के दूध के, लेकिन आपको बता दें कि गाय के देसी घी के दीपक लगाने से वातावरण शुद्ध रहता है क्योंकि देसी गाय के दूध से बना घी रोगाणुओं को मारता है. डॉक्टरों बताते हैं कि वातावरण साफ रखने से इम्यून सिस्टम बेहतर रहता है और व्यक्ति निरोगी रहता है.
आर्थिक महत्व
दिवाली की वजह से ही कई लाखों लोगों को रोजगार मिलता है. इस समय भारतीय किसान की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ रहती है. जिससे पर्व में लोग नए कपड़े, घर के सामान, उपहार, सोने, चांदी, वाहन, मिट्टी के दीये, कलश, बर्तन सहित अन्य सामानों की खरीदारी करते हैं.