Agnipath Scheme: सिपाही के पद पर नई भर्तियां अब अग्निपथ योजना के तहत होंगी और इसके तहत भर्ती होने वाले सैनिक अग्निवीर कहलाएंगे. इन्हें चार साल के लिए सेना में काम करने का मौका मिलेगा, लेकिन इनमें से 25 प्रतिशत को सेना में ज्यादा समय तक काम करने का मौका मिलेगा.
Agnipath Scheme: भारतीय सेनाओं को ज्यादा युवा और नई तकनीकों में माहिर बनाने के लिए कैबिनेट कमेटी ने नई भर्ती योजना को मंजूरी दे दी है. सिपाही के पद पर नई भर्तियां अब अग्निपथ योजना के तहत होंगी और इसके तहत भर्ती होने वाले सैनिक अग्निवीर कहलाएंगे. इन्हें चार साल के लिए सेना में काम करने का मौका मिलेगा, लेकिन इनमें से 25 प्रतिशत को सेना में ज्यादा समय तक काम करने का मौका मिलेगा. इन्हें चार साल की सेवा के बाद एक मुश्त राशि, तकनीकी योग्यता का सर्टिफिकेट मिलेगा जो इन्हें कॉरपोरेट जगत में नई नौकरी में मदद करेगा. इस योजना के तहत पहली भर्ती की घोषणा 90 दिनों के अंदर की जाएगी.
भारतीय सेना में सबसे बड़े बदलाव के तौर पर अग्निपथ योजना का उद्देश्य सेना में रैंकों में काम करने वाले सैनिकों की औसत आयु को कम करना है. अभी एक सैनिक की औसत आयु 32 वर्ष है लेकिन नई भर्ती योजना में ये कम होकर 26 वर्ष हो जाएगी. लगातार सैनिक मुहिमों में लगी भारतीय सेनाओं के लिए रैंकों को ज्यादा युवा रखना जरूरी है. अग्निपथ योजना के तहत 17.5 से लेकर 21 वर्ष की आयु वाले युवाओं की भर्ती होगी जिन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग सहित कुल 4 साल की सैनिक सेवा का मौका मिलेगा. पहले साल में अग्निवीर को 30,000 हजार रुपये महीना वेतन मिलेगा जिसमें से 9 हजार रुपये सेवा निधि में जमा होंगे. इतनी ही राशि सेना भी अग्निवीर के खाते में जमा कराएगी. दूसरे साल 33,000 हजार रुपये महीने, तीसरे साल 36,500 रुपये महीने और चौथे साल अग्निवीर को 40,000 रुपये महीने दिए जाएंगे. साथ में नियमानुसार राशन, वर्दी और यात्रा भत्ता दिया जाएगा.
चार साल की अवधि पूरी होने पर अग्निवीर को 11.71 लाख की रकम सेवा निधि के तौर पर दी जाएगी और ये टैक्स फ्री होगी. अग्निवीर को पेंशन या ग्रेचुटी का लाभ नहीं मिलेगा लेकिन सैनिक सेवा के दौरान 48 लाख रुपये का इंश्योरेंस दिया जाएगा. सैनिक सेवा के दौरान मृत्यु होने की स्थिति में 44 लाख रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा.
अग्निपथ योजना में भारतीय सेना की सदियों पुरानी रेजिमेंट की परंपरा में भी बदलाव किए गए हैं. अभी इंफेंट्री की कई ऐसी रेजिमेंट हैं जो खास क्षेत्र, जाति या धर्म के सैनिकों की भर्ती करती हैं. आर्मर्ड और आर्टिलरी में भी कुछ रेजिमेंट में इस तरह की भर्ती की जाती है. लेकिन अग्निपथ योजना के तहत हर रेजिमेंट में पूरे भारत से भर्ती की जाएगी और अंग्रेजों के जमाने की मार्शल और नॉन मार्शल क्लास को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा.
इस योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों को सेना से बाहर आने पर दूसरी नौकरियों के अवसर बढ़ाने की भी कोशिश की गई है. अग्निवीर को सेना की नौकरी के दौरान तकनीकी ट्रेनिंग, डिप्लोमा या आगे पढ़ाई के मौके दिए जाएंगे जिससे उन्हें कॉरपोरेट जगत में जगह हासिल करने में आसानी होगी. रक्षा मंत्रालय इसके लिए कई बड़ी कंपनियों से संपर्क कर रहा है.
रक्षामंत्री ने कहा कि ये योजना सेना के लिए ऐतिहासिक है और इससे युवकों को रोजगार के नए मौके मिलेंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद तीनों सेनाध्यक्षों ने इस योजना का स्वागत किया और कहा कि इससे सेना में तकनीकी रूप से ज्यादा सक्षम युवाओं की भर्ती संभव होगी.
भारतीय सेना में अभी रैंक में भर्ती होने वाले युवा 15 साल तक अनिवार्य रूप से सैनिक सेवा करते हैं और उसके बाद वे पेंशन लेकर वापस जा सकते हैं. लेकिन लगातार कठिन सैनिक कार्रवाईयों में लगी भारतीय सेना के लिए ज्यादा उम्र के सैनिक एक समस्या बन रहे थे. नई योजना में इस समस्या को पूरी तौर पर हल कर दिया है.