देश में स्वास्थ्य जगत में काम वाले तमाम प्रोफेसनल्स ने सर्वसम्मति से यह स्वीकार किया है कि साल 2023 के लिए भारत में G20 प्रेसीडेंसी का पारित होना देश के लिए हेल्थकेयर में अग्रणी बनने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्राचीन पारंपरिक कल्याण तथा इलाज़ विधियों का प्रचार करने का बड़ा मौका है. हेल्थ थिंक टैंक IHW काउंसिल द्वारा आयोजित रणनीतिक राउंडटेबल सम्मेलन में हेल्थ एक्सपर्ट ने इकट्ठा होकर टिकाऊ और लचीला स्वास्थ्य ढांचे का निर्माण करके महामारी के बाद के प्रभावों को कम करने की आवश्यकता के बारे में चर्चा की. पहल करने के लिए G20 प्रेसीडेंसी का लाभ उठाने के बारे में विश्व स्तर पर स्वास्थ्य को बेहतर करने पर भी विचार विमर्श किया.
आयोजित राउंडटेबल में भारत के पूर्व स्वास्थ्य सचिव लव वर्मा ने कहा, “G20 प्रेसीडेंसी भारत के लिए एक बेहतरीन मौका है और इसका उपयोग विशेष रूप से महामारी के दौरान हासिल की गई भारत की प्रमुख स्वास्थ्य से संबंधित टेक्नोलॉजी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए किया जाना चाहिए." आईएचडब्लू के इस राउंडटेबल सम्मेलन में वैश्विक दक्षिण एशिया के हेल्थकेयर सेक्टर को आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श हुआ. इसके अलावा इस सम्मेलन में भारत द्वारा हेल्थकेयर में लीडरशिप की प्रक्रिया को तेज करने के लिए ज़रूरी प्रोत्साहन प्रदान करने पर भी चर्चा की गई.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान के सदस्य डॉ. संजीव कुमार, के मुताबिक संपूर्ण पृथ्वी एक परिवार है. महामारी के दौरान यह दिखा भी है. चूंकि भारत को 2023 में जी 20 की प्रेसीडेंसी मिली है ऐसे में 'वसुधैव कुटुंबकम्' का संदेश फैलाया जाना चाहिए. डॉ कुमार ने आगे जोर देकर कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा स्वस्थ देश की नींव होती है. इस राउंडटेबल को इस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जी20 के मंच का उपयोग किया जाना चाहिए.
इस राउंडटेबल सम्मेलन को “Global Health Leadership Opportunities for India During G20” नाम दिया गया, साथ ही सम्मेलन में कई विशेषज्ञों ने भाग लिया. NITI आयोग के सीनियर कंसल्टेंट हेल्थ डॉ के मदन गोपाल के मुताबिक G20 स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक बेहतरीन मौका है. हमें नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने और नियमों का पालन करने की आवश्यकता है.
सम्मेलन में चर्चा के दौरान आईएचडब्लू काउंसिल के सीईओ कमल नारायण ने कहा कि चूंकि इस साल भारत को जी 20 की अध्यक्षता करने का मौका मिला है ऐसे में भारत के पास ऐसी क्षमता है कि वे सबको साथ लेकर हर किसी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए काम करेगें. भारत अपने प्रयासों से वैश्विक स्वास्थ्य को लेकर हो रही चर्चा को तेज करने और एक कदम आगे ले जानें के लिए समावेशी, सुलभ और व्यापक स्वास्थ्य प्रणालियों के एक नए प्रतिमान की दिशा में सामूहिक रूप से आह्वान कर सकता है.