रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुए हैं जब भारत और चीन के संबंध बेहद तनाव पूर्ण हैं. बता दें हाल ही में चीन के सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में घुसपैठ की, जिसके बाद उनकी भारतीय सेना के साथ झड़प हो गई.
दोनों नेताओं ने इन विषयों पर की चर्चा
पीएमओ की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ‘यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में, रूसी राष्ट्रपति के साथ फोन पर चर्चा में पीएम मोदी ने बातचीत और कूटनीति को आगे बढ़ाने के अपने आह्वान को दोहराया.‘
पीएमओ ने कहा, ‘समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर अपनी बैठक के बाद, दोनों नेताओं ने ऊर्जा सहयोग, व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा सहयोग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं की समीक्षा की.’
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को जी-20 की भारत की मौजूदा अध्यक्षता के बारे में जानकारी दी और इसकी प्रमुख प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन की भारत की अध्यक्षता के दौरान दोनों देशों के एक साथ काम करने की भी उम्मीद की. वे एक-दूसरे के नियमित संपर्क में रहने पर सहमत हुए.
9 दिसंबर को हुई थी तवांग सेक्टर में भारत-चीन सैनिकों की झड़प
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (14 दिसंबर) को लोकसभा एवं राज्यसभा में दिए अपने बयान में बताया था कि चीन के सैनिकों ने नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया.
रक्षा मंत्री ने यह भी सूचना दी थी कि इस झड़प में किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ. उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है और इस तरह की कार्रवाई के लिए मना किया गया है.