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Sunday, 22 December 2024

India

पेट्रोल डीजल के बाद अब खाने के तेल में भी मिलेगी राहत

25 May 2022 08:39 AM Mega Daily News
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नई दिल्ली : दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा आबादी वाले देश और एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत महंगाई को काबू में करने के लिए संघर्ष कर रहा है. महंगे खाद्य तेल की घरेलू कीमतों में जल्दी ही बड़ी कमी देखने को मिल सकती है. केंद्र सरकार सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पर आयात शुल्क घटाने पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट सेस को खत्म कर दिया जाए या कम किया जाए. ये सेस अभी 5 फीसदी है.

घरेलू बाजार में खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए यह कदम उठाया जा सकता है. ब्लूमबर्ग ने मामले से जुड़े एक शख्स के हवाले से यह जानकारी दी है. सूत्रों के मुताबकि, इस हफ्ते के अंत तक इस कटौती पर फैसला लिया जा सकता है.

सरकार के पास सीमित विकल्प

हालांकि, सरकार की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. आपको बता दें कि इन दोनों खाद्य तेलों पर लगाए जाने वाले सेस का इस्तेमाल खेती बाड़ी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए धन जुटाने के लिए किया जाता है. खाद्य तेलों की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों को घरेलू बाजार में कम रखने के लिए सरकार के पास टैक्स में कमी का ही सीमित विकल्प है.

पहले भी उठाया गया है कदम

खाने के तेल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर भारत ने पहले ही ज्यादातर तेलों पर से बेस इंपोर्ट टैक्स को खत्म कर दिया है. इसके अलावा, कीमतों पर नियंत्रण रखने के कदम के तहत जमाखोरी को रोकने के लिए इन्वेंट्री लिमिट लगा दी है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से खाद्य तेलों की कीमतों में काफी उछाल आया है. सूरजमुखी तेल के बड़े उत्पादक यूक्रेन से सप्लाई पूरी तरह से ठप हो गई है. इसका असर इसकी कीमतों पर पड़ा है.

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