भारत में लोग क्रिकेट और सिनेमा के बड़े दीवाने हैं। जब भी थिएटर में कोई अच्छी फिल्म लगती है तो पूरा परिवार उसे देखने जाता है। वहीं कई कपल्स और दोस्तों का ग्रुप भी सिनेमाहॉल का आनंद लेना पसंद करता है। देश में ये सिनेमाहॉल दो प्रकार के होते हैं। पहले सिंगल स्क्रीन थिएटर और दूसरे मल्टिप्लेक्स। इन दोनों में मल्टिप्लेक्स, सिंगल स्क्रीन थिएटर की तुलना में ज्यादा महंगे होते हैं। खासकर यहां खाने पीने की चीजों के दाम आसमान छूते हैं।
सिनेमाहॉल के बाहर जो पॉपकॉर्न का एक पैकेट आपको महज 10 रुपए में मिल जाता है, वही सिनेमाहॉल के अंदर उसकी कीमत दस गुना तक बड़ जाती है। यही हॉल कोल्ड ड्रिंक्स और अन्य खाने पीने की चीजों का भी होता है। आलम ये होता है कि कई बार इन खाने पीने के समान का बिल, मूवी की टिकट से भी ज्यादा होता है। ऐसे में एक आम आदमी की जेब पर इसका बहुत गहरा असर पड़ता है।
तो अब सवाल ये उठता है कि आखिर मल्टिप्लेक्स के अंदर खाने पीने की चीजों के दाम इतने अधिक क्यों होते हैं। क्या यहां क्वालिटी में कोई अंतर होता है? या फिर इसमें कुछ स्पेशल मिक्स होता है। इसका जवाब दोनों ही स्थिति में ना है। यहां के फूड आइटम्स के रेट अधिक होने की एक खास वजह है। दरअसल सिंगल स्क्रीन की तुलना में मल्टीपल स्क्रीन को चलाना काफी महंगा पड़ता है। इसकी लागत सिंगल स्क्रिन के मुकाबले 4 से 6 गुना बढ़ जाती है।
मल्टिप्लेक्स में कई सारे प्रोजेक्शन रूम्स और बेहतरिन साउंड सिस्टम होते हैं। यहां आपकी लग्जरी का भी खूब ख्याल रखा जाता है। एसी भी हमेशा चलते रहते हैं। स्टाफ भी ज्यादा एजुकेटेड होता है। वहीं सीटींग अरेंजमेंट से लेकर सुरक्षा तक के इंतजाम भी तगड़े होते हैं। वहीं यदि ये मल्टिप्लेक्स किसी मॉल में खुले हैं तो उन्हें वहाँ का हाई रेंट भी देना पड़ता है। इसके अलावा जो फूड स्टॉल लगाते हैं उन्हें भी मल्टिप्लेक्स में दुकान खोलने का अधिक किराया देना पड़ता है। इसलिए वह ग्राहकों से खाने पीने के सामान की कीमत बढ़ाकर इसे वसूलते हैं।
फिर कुछ समय पहले आए कोरोना काल में मल्टिप्लेक्स का भी बड़ा नुकसान हुआ। ये काफी लंबे समय तक बंद रहे थे। ऐसे में इस साल की शुरुआत में देश की दो सबसे बड़ी मल्टीप्लेक्स चेन पीवीआर और आईनॉक्स ने विलय भी कर लिया। जानकारों की माने तो इस विलय का फायदा दर्शकों को जरूर मिलेगा। अब दोनों के पास कुल मिलाकर 1,500 के आसपास स्क्रीन हैं।
कुछ समय पहले इस बात को लेकर भी बहस छिड़ी थी कि दर्शकों को मल्टिप्लेक्स के अंदर बाहर का फूड ले जाने की इजाजत होनी चाहिए। अभी तक यही होता है कि फिल्म देखने आया शख्स बाहर का कोई भी खाना मल्टिप्लेक्स में नहीं ले जा सकता है। उसे यदि कुछ खाना है तो मल्टिप्लेक्स के अंदर लगी दुकानों से ही खरीदकर खाना होगा।