इंदौर के रेलवे स्टेशन को दो हजार करोड़ से विकसित किए जाने की योजना मूर्तरूप लेने से पहले ही धराशायी हो गई है। अब रेलवे स्टेशन का विकास दो हजार करोड़ के बजाय 450 करोड़ की लागत से किया जाएगा। वहीं इसे अब पीपीपी मॉडल के बजाय रेलवे खुद विकसित करेगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने बदलाव के बाद मंजूरी दे दी है। विकास और विस्तार कार्य तीन माह में शुरू होने की उम्मीद है।
रेलवे (Railway) द्वारा देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इसी क्रम में कुछ समय पहले भोपाल स्टेशन (Bhopal Station) को विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ शुरू किया गया है। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने इंदौर के रेलवे स्टेशन (Railway Stations) को भी विकसित किए जाने की योजना तैयार की थी। अप्रैल में घोषणा की गई थी कि इंदौर रेलवे स्टेशन (Indore Railway Station) को दो हजार करोड़ से तैयार किया जाएगा।
यहां यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (International Airport) की तरह सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी, लेकिन रेलवे की ये घोषणा पूरी होने से पहले ही बंद हो गई है। अब रेलवे स्टेशन का विस्तार और विकास तो होगा, लेकिन यह दो हजार करोड़ के बजाय सिर्फ 450 करोड़ की लागत से किया जाएगा। सांसद शंकर लालवानी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अब यह प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल के बजाय रेलवे खुद तैयार करेगा। हालांकि उन्होंने दावा किया कि इससे यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में कोई कमी नहीं आएगी। स्टेशन के सामने की कुछ प्रस्तावित कमर्शियल गतिविधियों को संभवत: कम किया जाएगा।
सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि अब जहां रेलवे मंत्रालय खुद ही स्टेशन को नया स्वरूप देगा, वहीं इसके डिजाइन में भी कई परिवर्तन किए जाएंगे। इसे लेकर उनसे सुझाव भी मांगे गए थे, जो उन्होंने रेलवे बोर्ड को भेजे थे। उन्होंने बताया कि पहले इसे एयरपोर्ट की तरह माडर्न लुक पर बनाए जाने की योजना थी, लेकिन अब इसे ऐतिहासिक लुक में बनाया जाएगा, जिसमें इंदौर की ऐतिहासिक छवि नजर आएगी। जल्द ही इसकी डिजाइन मिल जाएगी। इसका काम अगले तीन माह में शुरू होने की उम्मीद है, जो पहले की तरह ही करीब तीन साल में पूरा किया जाएगा।
सांसद ललवानी ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने फैसला लिया है कि अब इंदौर रेलवे स्टेशन को रेलवे खुद ही बनाएगा। इस पर करीब 450 करोड़ खर्च किए जाएंगे। लागत में कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे यात्री सुविधाओं में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। रेलवे यहां के स्थानों को लीज पर देगा, जहां सुविधाएं विकसित होंगी।