Indian Native Liquor भारत के प्रदेशों में एक के बाद एक शराब बंदी को लेकर अभियान चलाए जा रहे है। यहां गांवों और आदिवासी क्षेत्रों में महुए से बनने वाली देशी शराब पर आए दिन कार्रवाई की जाती है, लेकिन इसी शराब के लिए एक विदेशी कंपनी ने “हाईजेक” करते हुए नए तरीके से इसकी प्रोसेसिंग शुरू कर दी है। खास बात यह है कि विदेशियों को यह शराब भी बहुत पसंद आ रही है। यहां काफी ऊंचे दामों में शराब को बेचा जा रहा है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के कई ग्रामीण इलाकों में ग्रमीण महुआ की शराब बनाते और बचते हैं। इन्हीं में एक है छत्तीसगढ़ का बस्तार जिला। यहां लगभग हर एक घर में जंगलों से लाए हुए महुए से बनाई गई शराब को उपयोग पूजा-पाठ में किया जाता है। इसी क्षेत्र की इस शराब के लिए फ्रांस की “माह” नाम की एक कंपनी द्वारा एक अलग ही तरीके से प्रोसेसिंग कर मार्केट में उतारा गया है।
लाजवाब बोतल में इस देशी शराब को विदेशी रंग देते हुए मार्केट में उतारा गया है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि वह भारत की इस शराब के लिए बड़ी पहचान दिलाना चाहती है। इसके साथ ही यहां के ग्रामीणों के लिए जो महुए को बीनकर अपना जीवन यापन करते हैं, उन्हें इसका सही दाम दिलाना चाहती है। कंपनी का कहना है कि वह ग्रामीणों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
लगभग तीन माह पहले ही इस कंपनी के प्रतिनिधि ने स्थानीय कलेक्टर से मिलकर महुए के जुड़े हुए ग्रामीणों के विकास पर प्रतिबद्धता जाताते हुए महुए बनने वाली इस शराब को विश्व भर में ख्याति दिलाए जाने की बात कही थी। जानकारी के मुताबिक माह कंपनी द्वारा इस शराब को बचे जाने के लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है। यहां इस शराब की कीमत लगभग 3719 रुपए रखी गई है।