क्या कोई गिरफ्तार होने पर जश्न मना सकता है? ज्यादातर लोगों का जवाब होगा 'नहीं'. लेकिन कोयंबटूर में गिरफ्तारी को लेकर एक 'बोंडा' अरुमुगम नाम के एक जेबकतरे ने जश्न मनाया है. दरअसल, गिरफ्तार जेबकतरे के लिए ये मौका कुछ ज्यादा खास था क्योंकि उसके मुताबिक पुलिस ने उसे 100वीं बार गिरफ्तार किया है. हालांकि, 55 वर्षीय जेबकतरे को उठाने वाली कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि वे इसकी पुष्टि नहीं कर सकते.
पुलिस के अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) में, 2010 से अब तक सिर्फ कोयम्बटूर शहर में अरुमुगम जेबकतरी के 72 मामलों में शामिल रहा है. हालांकि, महज 14 साल की उम्र में क्राइम की दुनिया में कदम रखने वाले इस जेबकतरे का दावा भी सच हो सकता है. क्योंकि 2010 से पहले का रिकॉर्ड नहीं है.
पुलिस ने कहा कि ये जेबकतरा 40 साल से अधिक समय से कोयम्बटूर शहर के सेल्वापुरम में रह रहा है और क्राइम की दुनिया से होने वाली कमाई का इस्तेमाल वो अपनी पत्नी और दो बच्चों की देखभाल के लिए करता रहा है. उसकी पत्नी और बच्चे केरल के कन्नूर जिले में रहते हैं. पुलिस के मुताबिक उसने अपनी कमाई के पैसे को शराब और शबाब पर भी खर्च किया है.
वह गूगल पे और यूपीआई के माध्यम से अपनी पत्नी को पैसे भेजता रहा है. पुलिस ने कहा कि वो बसों में यात्रियों के पर्स उड़ाने, सोने के आभूषण और मोबाइल फोन चुराने का काम करता है.
कैसे हुई 100वीं गिरफ्तारी?
गुरुवार को बस में सवार एक व्यक्ति का मोबाइल फोन लूटकर भागते समय वह पुलिस के शिकंजे में आ गया. दरअसल, उसने 42 वर्षीय बस यात्री साबिर अहमद का फोन लूट लिया था. इसके बाद साबिर ने पुलिस को फोन कर शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सब-इंस्पेक्टर मारीमुथु के नेतृत्व में एक पुलिस टीम बिग बाजार स्ट्रीट-ओप्पनाकारा स्ट्रीट जंक्शन पर प्रकाशम बस स्टॉप पर पहुंची. इसी दौरान वो पुलिस के शिकंजे में आ गया.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'अरुमुगम ने हमें बताया कि उसे 100वीं बार गिरफ्तार किया जा रहा है. वह कोई काम नहीं करता, केवल बस में चोरी करता है. अगर यात्री उसे पकड़ने का प्रयास करते हैं, तो अरुमुगम शोर मचाता है, अपनी बेगुनाही का जोर-शोर से विरोध करता है और फरार हो जाता है.'